राजधानी भोपाल के बच्चे हो रहे वर्चुअल ऑटिज्म के शिकार, तेजी से बढ़ रही संख्या, डॉक्टर्स भी शॉक्ड… बताया मोबाइल स्क्रीन बड़ा खतरा, आज से ही 0 कर दें स्क्रीन टाइम …………….
राजधानी के बच्चे वर्चुअल ऑटिज्म के शिकार हो रहे हैं। मोबाइल की वजह से इस बीमारी के बढ़ते मामलों से चिकित्सक भी हैरान हैं। उनकी सलाह है कि मां 0 से 2 साल तक के बच्चों का स्क्रीन टाइम जीरो रखें। अन्यथा आगे चलकर बच्चों को गंभीर समस्या हो सकती है। वे चिड़चिड़े हो सकते हैं। उन्हें बोलने में दिक्कत आ सकती है और आंखों में भैंगापन की समस्या हो सकती है। हमीदिया की चाइल्ड ओपीडी में हर दिन आ रहे 40 से 50 बच्चे, इनमें से 20 वर्चुअल ऑटिज्म के शिकार।
आर्या सात साल की है। अपने काम के कारण उसे मोबाइल पकड़ा दिया। आर्या अब मोबाइल की लती हो गई है। किसी से बात नहीं करती और चिड़चिड़ापन, इंटरेक्शन की कमी हो गई और मां-पिता से भी बात नहीं करती। मनोवैज्ञानिकों का कहना है आर्या वर्चुअल ऑटिज्म की शिकार है।