इस प्रोग्राम के मुताबिक एमएनआरई (अक्षय ऊर्जा मंत्रालय) की ओर से एक गाइडलाइंस जारी की गई है। इसके मुताबिक अक्षय ऊर्जा सर्विस देने वाली कंपनियां, सोलर प्लांट केक कंपोनेंट बनाने वाले मैन्युफैक्चरर्स, प्रोजेक्ट डेवलपर, वेंडर या सोलर इक्वीपमेंट सप्लायर, राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध एनजीओ के अलावा सरकारी कंपनियां, सरकारी विभाग, एजेंसियां, टेक्नीकल इंस्टीट्यूशन चैनल पार्टनर बन सकते हैं।छत पर लगाएं सोलर प्लांट
इस प्रोग्राम के तहत देशभर में एक किलोवाट से लेकर 500 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। ये प्लांट घरों, दुकानों, कारखानों या संस्थानों की छतों पर लगाए जाएंगे। इन प्लांट से प्रदूषण रहित ऊर्जा 7 रुपए प्रति यूनिट (वो भी बिना किसी सब्सिडी के) बेची जा सकती है। इस प्रोग्राम के तहत नए व पुराने कारोबारियों को जोड़कर उन्हें चैनल पार्टनर बनाया जाएगा। इन चैनल पार्टनर को स्टेट नोडल एजेंसी, सरकारी विभागों, सरकारी कंपनियों, वित्तीय संस्थानों, पब्लिक सेक्टर बैंक और अन्य संबंधित एजेंसियों से जोड़ा जाएगा।
सोलर पावर का कारोबार करने वालों के लिए एक सुनहरा मौका है। सरकार ने सोलर पावर के लक्ष्य को पाने के लिए कारोबारियों को न्यौता दिया है कि वे सरकार के चैनल पार्टनर बन कर सोलर पावर का बिजनेस करें। इसके लिए केंद्रीय अक्षय ऊर्जा मंत्रालय ने एक गाइडलाइंस जारी की है। सरकार ने यह गाइडलाइंस ‘रूफटॉप सोलर पावर प्लांट प्रोग्राम’ के तहत जारी की है। इसके साथ साथ सरकार ने इरडा स्कीम के तहत सस्ता लोन देने की भी घोषणा की है।
सरकार का एक और प्रयास
सरकार वर्ष 2022 तक छत पर सोलर प्लांट के माध्यम से 40 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना चाहती है। इसके लिए सरकार ने कई योजनाओं पर एक साथ काम शुरू कर दिया है। जहां राज्य सरकारों को रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, वहीं लोगों को भी टैक्स में छूट देकर व्यक्तिगत तौर पर ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लांट लगाने की अपील की जा रही है। अब सरकार ने ग्रिड कनेक्टेड रुफटॉप एंड स्माल सोलर पावर प्लांट प्रोग्राम शुरू किया है।केंद्र सरकार की सोलर पावर स्कीम को अब आम आदमी के साथ सरकार के मंत्री भी अपना रहे हैं। कॉमर्स मिनिस्टर निर्मला सीतारमण, महिला एवं बाल कल्याण मिनिस्टर मेनका गांधी और भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने इसके लिए आवेदन किया है। इनमें अजीत डोभाल ने अपने घर, निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश में गोद लिए दो गांव को बिजली पहुंचाने और मेनका गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए इसे अपनाया है। इसके अलावा, यूपी और झारखंड के मंत्री भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। ऐसे में आपके पास मौका है कि आप सोलर पावर के जरिए बिजली पैदा करके उसे बेच सकें। मनी भास्कर आपको बता रहा है कि कैसे इससे बिजली पैदा करके बेचा जा सकता है।
कैसे कमाएं पैसे
घर की छत पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली बनाई जा सकती है। इसके लिए आप लोकल बिजली कंपनियों से टाइअप करके बिजली बेच सकते हैं।
> सबसे पहले लोकल बिजली कंपनियों से आपको लाइसेंस लेना होगा।
> बिजली कंपनियों के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट साइन करना होगा।
> सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रति किलोवाट टोटल इन्वेस्टमेंट 60-80 हजार रुपए होगी।
> राज्य सरकारें इसके लिए स्पेशल ऑफर भी दे रही हैं।
> इसके बाद प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर आपको प्रति यूनिट 7.75 रुपए की दर से पैसा मिलेगा।
अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर बेच सकेंगे
राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सोलर एनर्जी को बेचने की सुविधा दी जा रही है। इसके तहत सौर ऊर्जा संयंत्र द्वारा उत्पादित की गई अतिरिक्त बिजली पावर ग्रिड से जोड़कर राज्य सरकार को बेचा जा सकेगा। वहीं, उत्तर प्रदेश ने सोलर पावर का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहन स्कीम शुरू की है। इसके तहत सोलर पैनल के इस्तेमाल पर बिजली बिल में छूट मिलेगी।