Monday, September 22

‘3 राज्यों के 21 जिलों को मिलाकर चंबल प्रदेश बनाओ’, महापंचायत में नौजवानों ने उठाई बड़ी मांग

मध्य प्रदेश के भिंड जिले के अंतर्गत फूप में चंबल प्रदेश की मांग के लिए रविवार को किसान नौजवान मंच परिवार ने जनजागरण महापंचायत का आयोजन किया। सर्व समाज के साथ दिमनी के पूर्व विधायक रविंद्र सिंह तोमर भिड़ौसा ने चंचल को अलग प्रदेश का दर्जा दिलाने की मांग रखी। कार्यक्रम में चिलोंगा धाम के महंत श्रीनिवास अवधूत, क्षत्रिय समाज सुधार समिति के अध्यक्ष रामअवतार सिंह चच्चू, अशोक तोमर सहित सामाजसेवी और किसान मौजूद रहे।

पूर्व विधायक तोमर ने कहा चंबल को अलग प्रदेश बनाकर तीन राज्यों (मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश) का भरत मिलाप करवाना है। चंबल प्रदेश बनाना बेहद जरूरी है। केंद्रीय नेतृत्य का सहारा लेकर आगे बढ़ेंगे। राज्य का दर्जा प्राप्त करने सभी तीनों राज्यों के मुयमंत्री से मिलेंगे। उन्होंने स्वीकार किया कि अलग राज्य बनाने का बीड़ा किसी एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि चंबल क्षेत्र के विकास के लिए सभी को साथ मिलकर लंबी लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने कहा कि चंबल राज्य का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। इसलिए चंबल के विकास के लिए हम अलग से चंबल प्रदेश की मांग करेंगे। पूर्व विधायक ने कहा बेरोजगारी और विकास की मुय धारा से जोड़ने के लिए किसान नौजवान मंच ने बीड़ा उठाया है।

महापंचायत में क्षत्रिय समाज के रामअवतार सिंह ने कहा हम सब की मांग ही नहीं आज आम व्यक्ति की जरूरत है चंबल प्रदेश बनाया जाए। 38 हजार वर्ग किमी एरिया चंबल का है। इसमें गायों को संरक्षण के लिए गो अभ्यारण्य बनना चाहिए। इतना ही नहीं चंबल क्षेत्र में रोजगार के बहुत अवसर हैं। स्किल डवलपमेंट के लिए सरकार को काम करना चाहिए। ताकि यहां के युवा जो रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेशों में भटक रहे हैं, उन्हें थानीय स्तर पर ही रोजगार प्राप्त हो जाए।

चंबल प्रदेश बनाने के लिए सात जिले उत्तरप्रदेश, सात राजस्थान और सात मध्यप्रदेश के जोड़े जाएंगे। 21 जिलों की 6 करोड़ की आबादी से मिलकर प्रदेश बनाने की मांग की जाएगी। पूर्व विधायक रविंद्र तोमर ने बताया आबादी के हिसाब से चंबल को अलग राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। केंद्र में प्रस्ताव रखा जाएगा। इतना ही नहीं सिंध, चंबल, आसन सहित आदि नदियों की बेजान पड़ी भूमि पर इंडस्ट्रीज लगाई जाए। दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता सहित बड़े शहरों में उद्योग लगाए जा रहे हैं। इसी तरह हमारे यहां भी चंबल में उद्योग विकसित किए जाएं। महापंचायत में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन लागू करने पर भी जोर दिया गया। उन्होंने कहा जब कर्मचारी रिटायर होकर पेंशन नहीं लेगा तो बुढापा कैसे कटेगा।

  • एमपी के गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और भिंड जिला
  • राजस्थान के धौलपुर, करौली, सवाई माधौपुर, कोटा, बारा और झालावाड़ जिला
  • यूपी के आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी और ललितपुर जिला