
राज्य जल मंत्रियों के दूसरे अखिल भारतीय सम्मेलन वाटर विजन-2047 का आगाज मंगलवार को उदयपुर में हुआ। उद्घाटन सत्र में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि पूर्व पीएम अटलजी ने कहा था कि तीसरा विश्व ‘युद्ध पानी के लिए होगा। मैं कहता हूं कि तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो भी उसमें भारत कहीं नहीं होगा। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व युद्ध में जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। राजस्थान पानी की किल्लत वाला राज्य है, लेकिन अब सबसे ज्यादा पानी राजस्थान को मिलने वाला है। हरियाणा और मध्यप्रदेश के साथ हुए समझौतों से खूब फायदा होगा।
एक निजी रिसॉर्ट में जल कलश भरने की रस्म और स्वागत के साथ कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। केंद्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि बड़े बांध भी देश की जरुरत पूरी नहीं कर सकते। नए बांध बनाने के लिए नदियां नहीं बची हैं। बांध बनने में सालों लगते हैं, करोड़ों रुपए खर्च होते हैं, किसानों की जमीन जाती है, गांव विस्थापित होते हैं।
जहां किल्लत होती है, वहां पानी पहुंचाया जाता है, उसमें भी 30 प्रतिशत लाइन लोस होता है। इतने साल और निवेश के बाद भी जरुरत पूरी नहीं होती। इसलिए गांव का पानी गांव में रहे, यही उपाय है। हमारे पास जो पानी है, उसे संचय करने की पूरी व्यवस्था नहीं है। कॉन्फ्रेंस में सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमें जल संरक्षण के उपाय अपनाकर जल आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढऩा चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और समृद्ध भविष्य दे सकें। जल आत्मनिर्भरता के लिए हमें रोडमैप बनाकर काम करना है। जल आत्मनिर्भरता की भूमिका बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि राम जल सेतु लिंक परियोजना प्रदेश की जीवन रेखा है।