
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में तैरते मलबों को कैप्चर करने की दिशा में अहम प्रयोग किया है। प्रयोग पीएसएलवी सी-60 के चौथे चरण पीओईएम-4 के साथ भेजे गए पे-लोड डेबरिस कैप्चर रोबोटिक मैनिप्युलेटर (डीसी-आरएम) के जरिए किया गया। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में विकसित यह उपकरण रोबोटिक आर्म की तरह है। यह अंतरिक्ष में तैरते मलबों को उसकी गति का अनुमान लगाकर पकड़ सकता है। इसरो ने कहा कि उपकरण अंतरिक्ष में ऑपरेशनल उपग्रहों का जीवनकाल बढ़ाने के लिए उनमें ईंधन की आपूर्ति कर सकता है। यह हवा में उड़ान भरते युद्धक विमानों में ईंधन की आपूर्ति करने जैसा होगा।
इसरो के मुताबिक रोबोटिक आर्म प्रस्तावित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भी महत्त्वपूर्ण होगी। आर्म में 7 जोड़ और एक इंचवर्म जैसा तंत्र है। यह आसानी से मुड़ सकती है। इसमें कैमरे, बाधा-निवारण सॉफ्टवेयर और उच्च प्रदर्शन प्रोसेसर लगे हैं।
केंद्र सरकार ने वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक वी नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया चेयरमैन और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। वह 14 जनवरी को एस सोमनाथ का स्थान लेंगे। उनका कार्यकाल दो साल का होगा। वी नारायणन वर्तमान में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC), वलियमला के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।