Monday, September 22

फ्रेसर्श को भी औसत पे पैकेज देने में IT कंपनियां पिछड़ गई। इन सेक्टरों में मिल रही ज्यादा सैलरी।

भारत में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से स्थापित ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCG) देश की परंपरागत आइटी सर्विस कंपनियों के मुकाबले समान टेक पोजिशन के लिए अपने कर्मचारियों को 12% से 20% तक अधिक वेतन दे ही हैं। टीमलीज की डिजिटल स्किल्स रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जीसीसी के विस्तार और टेक प्रोफेशनल्क की बढ़ती मांग के कारण आईटी कंपनियों और जीसीसी में मिलने वाले वेतन का अंतर बढ़ता जा रहा है। फ्रेशर्स को भी अधिक सैलरी पैकेज देने में IT कंपनियां पिछड़ गई हैं। 2024 में आईटी कंपनियों से अधिक सालाना औसत पैकेज फ्रेशर्स को ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम और एविएशन सेक्टर की कंपनियों ने दिया है।

जीसीसी सॉफ्टवेयर डेवलपर्स को उनके अनुभव के आधार पर सालाना 9.7 लाख रुपए से लेकर 43 लाख रुपए तक का वेतन दे रहे हैं। इसके विपरीत, आइटी कंपनियां 5.7 लाख रुपए प्रति वर्ष दे रही हैं, जो 8 साल से अधिक अनुभव रखने वालों के लिए 17.9 लाख रुपए प्रति वर्ष तक पहुंचता है। अभी भारत में 1,600 जीसीसी में 16.6 लाख से अधिक लोग काम कर रहे हैं। अगले पांच से अतिरिक्त 800 जीसीसी स्थापित होने की उम्मीद है। नए जीसीसी कोलकाता, अहमदाबाद और वडोदरा, जयपुर जैसे शहरों में स्थापित होने की संभावना है, जिससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी। भारत में 20.5 लाख महिलाएं टेक सेक्टर में काम कर रही हैं।