दो महीने से बंद पड़ी गांव की बिजली व्यवस्था को सुचारू करने की मांग को लेकर मुरवास के ग्रामीणों ने शुक्रवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। ग्रामीणों ने बिजली व्यवस्था बहाल नहीं होने तक हड़ताल जारी रखने की बात कही है।
मार्च में वसूली अभियान के दौरान बिजली कंपनी द्वारा मुरवास की बिजली काट दी गई थी। गांव में रखे बिजली के पांचों ट्रांसफार्मरों से बिजली सप्लाई पूरी तरह बंद कर दी गई थी। इस वजह से पांच हजार की आबादी वाले गांव मुरवास के रहवासियों को पिछले दो महीनों से अंधेरे में ही अपनी रातें गुजारना पड़ रही हंै। एक महीने से क्षेत्र में पड़ रही तीखी गर्मी की बीच हो रही बिजली कटौती से ग्रामीणों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों द्वारा प्रशासन और कंपनी के अधिकारियों से लगातार गुजारिश कर गांव की बिजली व्यवस्था बहाल करने की मांग की जा रही है लेकिन इसके बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो पा रही है।
बिजली कंपनी द्वारा हर बार ग्रामीणों से बकाया राशि भुगतान के बाद ही बिजली सप्लाई शुरू करने की बात कही जा रही है। ग्रामीणों ने बिजली व्यवस्था बहाली के लिए शुक्रवार से गांव में ही पंचायत भवन के पास अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। उनके समर्थन में विधायक गोवर्धन उपाध्याय भी पहुंचे।
भूख हड़ताल पर बैठे मुख्य 11 लोगों के अलावा बड़ी संख्या में अन्य ग्रामीण भी शामिल थे। दोपहर में सिरोंज के कांग्रेस नेता राजेश सहेले एवं अशोक त्यागी भी हड़ताल में शामिल होने पहुंचे। हड़ताल का नेतृत्व कर रहे असगर खान ने बताया कि जब तक गांव की बिजली व्यवस्था बहाल नहीं होती भूख हड़ताल जारी रहेगी। इस दौरान असगर खान, मुश्ताक खान, संतराम वाल्मीकि, मनफूलसिंह कुशवाह, खालिद खान, सलीम खान, जहूर खान तथा कय्यूम खान मुख्य रूप से उपस्थित थे। बिजली कंपनी के एई आईपीएस सेंगर ने बताया कि मुरवास के ग्रामीणों पर बिजली कंपनी के बकाया बिलों की राशि 88 लाख रुपए बकाया है।
यदि इस राशि का भुगतान ग्रामीण कर देंगे तो बिजली सप्लाई तुरंत शुरू कर दी जाएगी। भूख हड़ताल के संबंध में ग्रामीणों ने लिखित में कोई जानकारी हमें नहीं दी है।