Tuesday, September 23

नेपाल-तिब्बत के बीच रेल लिंक बनाएगा चीन

4433बीजिंग

चीन तिब्बत और नेपाल के बीच हाई-स्पीड रेल लिंक बनाने की योजना बना रहा है । सुरंग के ज़रिए बनने वाला यह लिंक माउंट ऐवरेस्ट से होकर निकलेगा। चीन की यह योजना भारत के पड़ोसियों से उसके बढ़ते प्रभाव की चिंता को और बढ़ा सकता है।

चीन की सुरंग बनाने की यह योजना पहली बार सामने आई है। चीन पहले ही अपनी किंगहाई-ल्हासा रेलवे लाइन को नेपाल की सीमा तक बिना सुरंग बनाए बढ़ाने पर विचार कर चुका था। एक चीनी अखबार के मुताबिक किंगहाई-ल्हासा रेलवे को नेपाल सीमा तक बढ़ाने की इस योजना से दोनों देशों के बीच व्यापार और पर्यटन की उम्मीदों को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल दोनों देशों को जोड़ने वाला कोई रेलवे लिंक नहीं है।

रेलवे विशेषज्ञ वांग मेंगशू ने बताया, ‘मुमकिन है यह लिंक कोमोलांगमा से होकर गुज़रे ताकि वर्कर्स को लंबी सुरंग न खोदनी पङे।’ सूत्रों का कहना है कि इस योजना का मकसद एक छोटा रास्ता निकालकर नेपाल में बड़े पैमाने पर फैले भारतीय बाज़ार तक पहुंचना है।

यह भी बताया गया है कि चीन नेपाल को अपने बीसीआईएम (बांग्लादेश-चीन-इंडिया-म्यांमार) परियोजना में शामिल कर सकता है। इस परियोजना में भारत की कम उत्सुकता चीन के इस इरादे की मुख्य वजह है। पिछले साल अगस्त तक चीन ने ल्हासा लाइन को तिब्बत के दूसरे सबसे बड़े शहर शिगाजे तक बढ़ा लिया था। 253 किलोमीटर लंबी ये लाइन नेपाल सीमा के नजदीक है।

हिमालय की ऊंचाई पर होने वाले असाधारण बदलावों के चलते यहां चलने वाली ट्रेनों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक ही मुमकिन होगी। एक अखबार के मुताबिक एक तिब्बती अधिकारी ने बताया कि नेपाल रेल प्रॉजेक्ट 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा। नेपाल से मिली रिपोर्ट की मानें तो पिछले दिसंबर को काठमांडू में चीन के विदेशमंत्री की यात्रा के दौरान इस परियोजना पर बात हुई थी।

रेलवे एक्सपर्ट का कहना है कि अगर यह प्रस्ताव हकीकत बन जाता है तो दोनों देशों के बीच व्यापार, खासकर कृषि से संबंधित उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘रेलवे के साथ जुड़े एलीवेशन में आए बदलाव असाधारण हैं। मुमकिन है लाइन कोमोलांगमा से होकर गुज़रे ताकि वर्कर्स को लंबी सुरंग ने खोदनी पड़े।’

भारत से अपनी झुंझलाहट के चलते चीन नेपाल से अपने संबंध बेहतर बनाने की कोशिश रहा है। उसका मकसद तिब्बत के लोगों को तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा से मिलने से रोकना है।

हाल ही में चीन ने नेपाल को अपनी 24 मिलियन डॉलर की मदद को 128 मिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया। इसके अलावा चीन ईरान तक प्राकृतिक गैस पाइपलाइन बनाने की योजना में पाकिस्तान के साथ भी डील करना चाह रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पाकिस्तान यात्रा के दौरान इस डील पर मोहर लगने की संभावना है।