गंजबासौदा| शिवकी पूजन यदि मनुष्य भूल से भी कर दे तो भोले उसका पूजन स्वीकार कर प्रसन्न हो जाते हैं। यह बात शिव महापुराण की कथा सुनाते हुए पंडित प्रमेहानंद ने सिद्धेश्वर महादेव मंदिर कालाबाग में कही।
उन्होंने यह प्रसंग भील द्वारा अनजाने में की गई पूजा का प्रसंग सुनाते हुए कही। भगवान भोले ने जब वरदान दिया तब भस्मासुर ने उनको ही भस्म करने का प्रयास किया। भोले ने ही इस संसार को जीवन दिया है। जब अमृत मंथन के समय विष निकला तो कोई भी उसे पीने का सामथ्र्य नहीं कर पाया। भगवान शिव ने ही विष को कंठ में धारण किया। भोले मानव जीवन में विकार रूपी विष को पीकर उसका उद्धार करते हैं इसीलिए हमें भगवान भोले का पूजन अभिषेक और स्मरण सदैव करना चाहिए