Monday, September 22

विदिशा-जिला अस्पताल के एकमात्र सीनियर सर्जन ने इस्तीफा दिया

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विदिशा। जिला अस्पताल के एकमात्र सीनियर सर्जन डॉ. अनूप वर्मा ने सिविल सर्जन डॉ. मंजू जैन को अपना इस्तीफा दे दिया है। इससे अस्पताल में होने वाले जनरल आपरेशन प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि इस संबंध में सिविल सर्जन का कहना है कि डा. अनूप वर्मा को नियमानुसार एक महीने का नोटिस पीरिएड पूरा होने तक कार्य करने को कहा गया है।

यदि वे ऐसा नहीं करेंगे तो उन्हें एक महीने की सेलरी एडवांस में जमा करवानी होगी। जिला अस्पताल में एक तो पहले से ही डाक्टरों का टोटा चल रहा है और दूसरे कई डाक्टरों के इस्तीफा देने और वीआरएस लेने की वजह से समस्या और बढ़ती जा रही है।

वर्तमान में यहां दो दर्जन से अधिक प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों की कमी चल रही है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की जेडी डा. किरण शैजवार का कहना है कि विदिशा में डाक्टरों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

7 डॉक्टर पहले से हैं अनुपस्थित : जिला अस्पताल के 7 मेडिकल आफीसर काफी लंबे समय से अनधिकृत रूप से अनुपस्थित चल रहे हैं। इनमें सुधीर जैन, डा. सुमत जैन और डा. उज्ज्वला शर्मा आदि शामिल हैं।इसके अलावा डा. सीके चौरसिया और डॉ. आरके मस्ता निलंबित चल रहे हैं। उनकी अभी तक बहाली नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य विभाग इन डाक्टरों के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं कर सका है। सेकंड क्लास मेडिकल आफीसरों की कमी से अस्पताल प्रबंधन को जूझना पड़ रहा है।

15 प्रथम श्रेणी विशेषज्ञों की कमी : जिला अस्पताल में 15 प्रथम श्रेणी डाक्टरों की कमी चल रही है। ये सभी विशेषज्ञ डाक्टरों के पद हैं। इन पदों पर भर्ती नहीं किए जाने के कारण जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को विशेषज्ञ डाक्टरों का फायदा नहीं मिल पा रहा है। विदिशा के सैकड़ों मरीजों को विशेषज्ञ डाक्टरों से चेकअप करवाने के लिए भोपाल और इंदौर आदि महानगरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

सिरोंज और बासौदा के मरीजों का भी बढ़ा जिला अस्पताल में भार : विदिशा जिला चिकित्सालय में बासौदा और सिरोंज के अस्पतालों से भी रोजाना बड़ी संख्या में मरीजों को रेफर किया जाता है। जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी जनरल आपरेशन नहीं किए जा रहे हैं।

माइनर आपरेशन वाले मरीजों को भी विदिशा रेफर कर दिया जाता है। इससे जिला अस्पताल के डाक्टरों का वर्कलोड बढ़ जाता है। यदि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सर्जरी होने लगें तो यहां का वर्कलोड कम हो सकता है।

की जा रही है डाक्टरों की व्यवस्था : ” डॉ.अनूप वर्मा का इस्तीफा मिल गया है। उनसे एक महीने के नोटिस पीरिएड में काम करने को कहा गया है। नए डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। सभी वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं। मरीजों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा। इस संबंध में कलेक्टर को भी पत्र लिखा गया है। नि:शुल्क दवाइयां और अन्य सुविधाएं मिलने से बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं।” डॉ.मंजू जैन, सिविल सर्जन