Tuesday, October 21

क्या विपक्ष का व्यवहार सही कहा जा सकता हैं

कश्मीर से धारा 370 हटने के साथ ही पूरे देश में हर्ष का माहौल हैं | पर देश का विपक्ष राष्ट्रहित में लिए गए निर्णय को पचा नहीं पा रहा हैं| उसकी आये दिन की बयानबजी से देश दुश्मनो को बल मिल रहा हैं | वही कश्मीर में शान्ति प्रक्रिया में भी रुकावट खड़ी हो रही हैं | यह तो समझा जा सकता हैं की जब भी कोई बड़े निर्णय लिए जाते हैं तो उसमे कठोर कदम उठाये जाते हैं |

जिसमे आर्थिक और सामाजिक नुकसान न हो और किसी भी प्रकार की जनहानि की भी संभाबना न रहे और यह बात विपक्ष के लोग भी जानते क्योँकि सत्ता की मलाई खूब रचे-पचे हैं पर दुख इस बात का हैं जहां भारत अखंड भारत बनने की और कदम बड़ा रहा हैं | वही बिपक्ष का इस तरह टांग खींचना दुखद एबं निंदनीय हैं |

आज के बिपक्ष की सबसे बड़ी भूल यह हैं की वह देश के आम जन मानस का मन नहीं पड़ पा रहे हैं | सिर्फ अपने निजी स्वार्थ जी उन्हें दिखाई दे रहे हैं या उनको किसी अन्य बात का भय हैं | जिससे वह घबड़ा रहे हैं यह सर्वविदित हैं की जी बिपक्ष आज कष्मीर में अन्याय की बात कर रहा है|

उसने कभी कश्मीरी पंडितो के अलावा जिन हिन्दुओ को रातो रात भगाया था उसके न्याय की बात नहीं करता हैं वह बिपक्ष 1984 में हुए नरसंहार में न्याय की बात नहीं करता क्योँकि यह सब हिन्दू हैं | आज मुस्लिम परिस्ति में बिपक्ष इतना डूबा हैं की वह एक भारत श्रेष्ट भारत की कल्पना को साकार करने में अड़चन पैदा कर रहा हैं |

बिपक्ष की सबसे बड़ी भूल यह हैं की वह यह नहीं समझ पा रहा हैं की अब देश का जन मानस शिक्षित और जाग्रत हो चूका हैं जो अच्छा और बुरा जानता हैं | इसलिए बिपक्ष द्वारा जब भी राष्ट्र विरोधी मुहीम छेड़ी जाती हैं तो देश का जन मानस उसकी आलोचना करने लगता हैं क्योँकि वह बिपक्ष के कर्तव्य को भली-भाति जानता हैं खासकर यादि कांग्रेस की बात की जाए तो कांगेस 1947 से लेकर 2019 तक कश्मीर समस्या की मूल जड़ रही हैं |

यह बात पहले लोगो को पता नहीं थी पर अब वह इतिहास के पन्नो से सब जानकारी लेकर प्रतिकार करने में लगे हैं पिछली सरकारों ने जिस तरह से कश्मीर में अलगाववादियों को महत्व दिया वह भी कही न कही संदेह को बढ़ाता हैं | आज जब कश्मीर में एक नई आशा की किरण जाएगी हैं तो बिपक्ष का रबैया घोर निंदनीय पीढ़ी जब इतिहास को पड़ेगी तो उसी तरह की भाबना निर्मित होगी|