गंजबासौदा | आज गंजबासौदा अराजकता का दंश झेल रहा हैं चारो और निराशा का भाव दिखाई दे रहा हैं आशा की कोई किरण दिखाई नहीं दे रही हैं | जहा एक और सत्ता का पंगु दिखाई दे रहा हैं तो बिपक्ष राजनीति करता नजर आरहा हैं | शहर की दुर्दशा के लिए कोई जवावदारी लेने को तैयार नहीं हैं वोट की भीख मांगने , बेशर्मी की हदे तोड़ते हुए निर्लज भाव से चले आते हैं |
जब शहर की बात करो तो दूरी बना लेते है | ऐसी स्थिति में सिर्फ अच्छे अधिकारी ही आशा की किरण के रूप में दिखाई देते हैं | पर जब राजनैतिक पार्टिया उन अधिकारियो पर अपना लेबल लगा देती हैं तो उनसे भी आशा ख़तम हो जाती हैं| जिस तरह के हालात बासौदा के हैं उसमें अधिकारियो को सख्ती दिखानी होगी और बासौदा को विकास के मुहाने पर लेजाना होगा |
बरसात ने जहा प्रशासन के विकास की पोल खोल दी हैं वही जनता त्राहि -त्राहि कर रही हैं | अपराधियों के हौसले की बात जग जाहिर हैं अबैध दारु, नशीले पदार्थो की भी बाते किसी से छिपी नहीं हैं | अब सवाल यह उठता हैं | इस तरह के अपराधों पर कौन अंकुश लगाएगा, क्योँकि राजनितिक इच्छा शक्तिबिहीन शहर में सिर्फ अधिकारी हैं आशा की किरण के रूप में दिखाई दे रहे हैं प्रशासन को कठोर निर्णय लेते हुए अबैध अतिक्रमण, नशीली बस्तुओ के बिक्रय को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई की जरुरत हैं