Tuesday, October 21

भ्रष्टाचारियो पर नकेल कसता देश

आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार की एक ऐसी दिवार कड़ी हो गयी हैं जिसको ढहाना आसान नहीं हैं| सत्ता में बैठे लोग हो या प्रशासन में बैठे लोग या आम जन मांस सभी इस बिमारी का कारण हैं ऐसा मन जाता हैं की राजनेता एक हजार रूपए का घोटाला करता हैं तो इसकी आड़ में अधिकारी सौ रुपय का और जानता दो रूपए का जिस दिन जिस दिन आम जनता नियम अनुसार अपना काम करने लगेगी तो कोई भी घोटाला नहीं कर पायेगा | भारत की रगो में भ्रष्टाचार का ऐसा अंकुर पैदा हुआ हैं | तो इन सत्तर बर्षो में पल्लवित हुआ हैं अब जब कार्यवाही का दौर शरू हुआ हैं तो एक नई आशा की किरण जाग्रत हुयी हैं | जिस तरह से भारत की ऐजेन्सिया निरंतर भ्रष्टाचारियो पर कार्यवाही कर रही हैं उससे भ्रष्टाचारियो में भय व्याप्त हो गया हैं और उस भय के चलते वह देश में हालत खराब होने का राग भी अलाप रहे हैं

पर देश में मानस को एक आशा की किरण जागने लगी हैं कि कोई कितना भी बड़ा आदमी क्यों न हो उस पर न्यायालय का डंडा चल सकता हैं ऐसा लगने लगा हैं की देश अब भ्रष्टाचारियो पर कार्यवाही की और बड़ रहा हैं विगत बीस-पच्चीस बर्षो में देश भर में घोटाले उजागर होकर आम जनता में एक निराशा का माहौल पैदा हो कर रहे थे आये दिन हजारो करोडो के घोटाले की खबरे समाचार पत्रों की सुर्खिया बानी हुयी थी और अपराधी बैखोफ घूमा करते थे | पर अब इस के उलट आये दिन करोडो के घोटाले करने वालो पर कार्यवाही की सुर्खिया समाचार पत्रों के पृष्टो पर दिखाई देती हैं इससे लग रहा हैं की देश अब भ्रष्टाचारियो पर कार्यवाही करता आगे बड़ रहा हैं जो सुनहरे और सुखद भारत के लिए अच्छा हैं |