
गंजबासौदा | विगत तीन दिनों से शहर में अफवाहों कसा बाजार गर्म हैं | क्या हुआ क्या नहीं हुआ यह एक अलग विषय हो सकता हैं पर जो कुछ हुआ उसमे पुलिस प्रशासन सौ फीसदी फ़ैल रहा | यदि पुलिस प्रशासन समय रहते अपराधियों पर कार्यवाही करते तो शायद ऐसे हालत नहीं होते बैसे हम इस शहर की बात करे तो प्रशासन का भय अपराधियों में नहीं दिखाई देता जिन जिम्मेदार अधिकारियों पर शहर की व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हैं | वह अपनी जिम्मेदारी में नाक़ामयाव दिखाई देते हैं प्रशासन की सक्रियता अपराध होने के बाद दिखाई देती हैं और यह एक मामला नहीं हैं ये शहर विगत पंद्रह बर्षो से ऐसे ही दंशो का शिकार होता रहा हैं | और अब हालात यह हैं की प्रशासन को समाज की बैठक का सहारा लेना पड़ रहा हैं |
शहर के इन हालातो के लिए एक और जहां प्रशासन दोषी हैं वही यहाँ की घटिया राजनीति जो अपराधियों को आश्रय बन कर खड़ी हो जाती हैं आज प्रशासन जिस समाज की मीटिंग बुला कर शांति की बात कर रहा हैं क्या कोई समाज के पूरे लोग अशांति फैलाते हैं और कोई भी समाज पूरी तरह से गलत लोग का साथ नहीं देता हैं यह भी उतना ही सही हैं की सामजिक स्तर पर यदि इन छोटे-मोटे विवादो का हल कर लिया जाए तो बड़ी बड़ी घटनाओ से बचा जा सकता हैं पर प्रषासन को यदि शहर के हालत सुधारने हैं तो अपराधियों पर नकेल करनी होगी आज जिस तरह से अबैध दारु , पाउडर , टिकिट, गांजे का व्यापार इस शहर में चल रहा हैं वह प्रशासन से छिपा नहीं हैं