यह कहावत चरितार्थ होती देखी जा रही हैं | हम सब समय के आगे बोने हैं आज आज के परिपेक्ष में बात करे तो जिन पी.चिदंबरम के आगे देश की प्रमुख एजेन्सिया आगे -पीछे हुआ करती थी. आज वही एजेन्सिया पी.चिदंबरम के पीछे पड़ी हुयी हैं और पी.चिदंबरम भागते दिखाई दे रहे हैं यहाँ बड़ा प्रश्न यह हैं की जिन लोगो पर समाज में आदर्श स्थापित करने की जिम्मेदारी गेन | आज वही लोग उन आदर्शो को धता बता कर चुनौती दे रहे हैं ऐसे में एक आदर्श समाज का निर्माण कैसे संभव हैं | मजेदार बात यह हैं की जब पी.चिदम्बरम गृहमंत्री थे तब उन्होंने अमित शाह को झूठे एनकाउंटर मामले में गिरफ्तार करवाया था |
आज वक्त का बदलाब देखिये वही अमित शाह गृह मंत्री हैं और पी.चिदम्बरम अपराधी की भाति गिरफ्तार हो रहे हैं यहाँ सोचने वाली बात यह हैं कि आखिर प्रभावशाली लोग कानून को धता क्यो बता रहे हैं | वह अपने रसूख में क्यों भूल जाते हैं की वक्त बदलने में देर नहीं लगती और न्याय से बड़ा कोई नहीं हैं पी.चिदम्बरम जिस मामले में गिरफ्तार किये जा रहे हैं वह सही हैं या गलत उस बात का फैसला न्यायालय करेगी पर यदि आप सही हैं तो आपको भागने की क्या आवशयकता हैं | इसलिए सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिये की वक्त से बड़ा कोई नहीं हैं अपना व्यबहार ऐसा हो जो वापस आपको ही मिले |