Wednesday, October 22

भारत का फैसला संबैधानिक – रूस

नईदिल्ली| मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में पिछले करीब 70 बर्षो से लागू धारा 370 और 35A को मोदी सरकार द्वारा लागू कर दिया हैं इस फैसले को लागू करने के बाद देख के कई नेताओ की मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही हैं धारा 370 के हटाने से कई पार्टिया सरकार के साथ हैं तो कई पार्टिया सरकार के बिरोध में तो वही विदेशो से भी धारा 370 हटने पर उनकी भी मिली जुली प्रतिक्रिया नजर आ रही हैं| जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले का रूस ने समर्थन किया है.

रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने जम्मू और कश्मीर को दो भागों में विभाजित और केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला संविधान के अनुसार ही लिया है. मॉस्को को उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर राज्य पर दिल्ली द्वारा लिए गए फैसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि नहीं होने देंगे.रूस के विदेश मंत्रालय की और से कहा गया कि , हमें उम्मीद है कि भारत-पाकिस्तान के मतभेदों को द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और राजनयिक तरीकों से हल किया जाएगा. भारत और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में किए गए बदलाव के बाद किसी तरह के तनाव को बढ़ावा नहीं देंगे.

वहीं चीन ने भी भारत और पाकिस्तान से अपने विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करने का आग्रह किया. बता दें कि चीन की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के चीन से परामर्श के लिए पहुंचने के बाद शुक्रवार को आई. पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी, भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द किए जाने के मद्देनजर अगला कदम लेने के लिए चीन से राय लेने पहुंचे हैं.

चीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पाकिस्तान और भारत से बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने व संयुक्त रूप से शांति एवं स्थिरता को कायम रखने का आह्वान करते हैं.चीन ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने के फैसले का प्रत्यक्ष रूप से जिक्र नहीं करते हुए कहा, प्राथमिकता यह है कि प्रासंगिक पक्ष को चाहिए कि वह यथास्थिति को एकतरफा बदलने से बाज आए और तनाव न बढ़ाए.