नईदिल्ली| सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने करगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे होने के मौके पर द्रास में करगिल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. वहीं बिपिन रावत का कहना है कि पीओके और Aksai Chin का जो हिस्सा हमारे नियंत्रण में नहीं है, उसको लेकर देश के राजनीतिक नेतृत्व को तय करना है कि उसे कैसे हासिल किया जाए.
इसके लिए कूटनीति रास्ता अपनाना है या फिर कोई और रास्ता अपनाना है, ये सरकार को तय करना है.’ युवाओं के आतंकी बनने पर भी बिपिन रावत ने बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में बंदूक और युवा एक साथ नहीं चल सकते हैं. जो भी कश्मीर में सेना के खिलाफ बंदूक उठाएगा वो कब्र में जाएगा और उसकी बंदूक हमारे पास आएगी. हालांकि ये एक मात्र हल नहीं है. हमारी कोशिश है कि यहां का युवा रोजगार की तरफ आगे बढ़े. अपने सुनहरे भविष्य का रास्ता अपनाए.’