
गुजरात|हिरासत में शख्स की मौत के मामले में गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को जामनगर कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। संजीव के अलावा कोर्ट ने उनके एक सहयोगी को भी आईपीसी की धारा 302 के तहत सजा सुनाई है। जिस मामले में संजीव भट्ट को सजा सुनाई गई है वो 1990 का है।
दरअसल, 1990 में जामनगर में भारत बंद के दौरान हिंसा हुई थी. भट्ट उस वक्त जामनगर के एएसपी थे. इस दौरान 133 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिनमें 25 लोग घायल हुए थे और आठ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया न्यायिक हिरासत में रहने के बाद एक आरोपी प्रभुदास माधवजी वैश्नानी की मौत हो गई. भट्ट और उनके सहयोगियों पर पुलिस हिरासत में मारपीट का आरोप लगा था. इस मामले में संजीव भट्ट व अन्य पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन गुजरात सरकार ने मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दी. 2011 में राज्य सरकार ने भट्ट के खिलाफ ट्रायल की अनुमति दे दी.
