
लखनऊ | लोकसभा चुनाव के लिए लिए गठबंधन करने वाली सपा और बसपा का गठबंधन अब टूटने की कगार पर आ गया हैं बसपा द्वारा लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद के बसपा के द्वारा किये गए आत्ममंथन के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने एक बयान दिया हैं जिसके बाद अब ऐसा लग रहा हैं की सपा और बसपा के बीच का गठबधन अब ज्यादा दिनों तक टिकता नहीं दिख रहा हैं आत्ममंथन के दौरान मायावती ने कहा की गठबंधन से चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिले हैं. यादव वोट ट्रांसफर नहीं हो पाया है. लिहाजा, अब गठबंधन की समीक्षा की जाएगी. इतना ही नहीं मायावती ने यहां तक कह दिया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पत्नी और भाई को भी चुनाव नहीं जिता पाए हैं. मायावती के इस रुख के बाद सपा-बसपा गठबंधन टूट की कगार पर नजर आ रहा है. गौरतलब है कि 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से बीएसपी का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है. हालत यह हो गई कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी खाता भी नहीं खोल सकी थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी महज 19 सीटें ही जीत सकी थी. इस बार के लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बावजूद बीएसपी मात्र 10 सीटें ही जीत सकी. बीएसपी अब, लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.