
नईदिल्ली | राजस्थान के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं लेकिन अब उन्हें इन दोनों में से किसी एक कुर्सी को छोड़ना पद सकता हैं कहा जा रहा हैं की सचिन पायलेट के उपमुख्यमंत्री पद छोड़ने की ज्यादा सम्भावना है और वे प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं। बता दे की लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी काफी नाराज चल रहे हैं जिसके चलते अभी तक कई बड़े नेताओ ने राहुल गाँधी के सामने इस्तीफे की पेश कश की हैं जबकि राहुल गाँधी खुद अपना इस्तीफा देने का मन बना चुके है लेकिन पार्टी के अन्य नेता चाहते हैं की राहुल गाँधी इस्तीफा न दे बताया जा राहुल गाँधी अपने नेताओ से इतने नाराज चल रहे हैं की उन्होंने अपने कई मंत्रियो से अभी तक मुलाक़ात नहीं की हैं जिनमे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सबसे ऊपर हैं अशोक गहलोत को लगातार तीसरे दिन मिलने का वक्त नहीं दिया। पायलट से भी पिछले तीन दिनों से मुलाकात नहीं की। हालांकि, सूत्र कहते हैं कि गहलोतअब तक तीन बार राहुल से मिल चुके हैं। लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। दरअसल, राहुल ने पिछले शनिवार सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा था कि कुछ नेताओं ने सिर्फ बेटों के चुनाव प्रचार पर ध्यान दिया। इशारा गहलोत की तरफ माना गया। गहलोत के बेटे वैभव जोधपुर से चुनाव मैदान में थे। कहा गया कि लोकसभा चुनाव के दौरान गहलोत ने राजस्थान में 130 सभाएं और रोड शो किए। इनमें से 93 सभाएं उन्होंने बेटे के लिए कीं। हालांकि, बुधवार को राजस्थान कांग्रेस की तरफ से स्पष्टीकरण आया कि गहलोत ने 104 सभाएं कीं। हर लोकसभा क्षेत्र में प्रचार किया। वे 23 प्रत्याशियों के नामांकन में भी गए। यह सच है कि जिन तीन नेताओं के बेटों के टिकट पर सवाल उठ रहे हैं, उनमें कमलनाथ और पी. चिदंबरम के बेटे चुनाव जीत गए हैं। अकेले गहलोत के बेटे को ही करारी हार मिली है।