Wednesday, October 22

शिक्षा और ज्ञान

18 माह बाद खुले स्कूलाें का हाल:स्कूल खुलने के पहले दिन कहीं 25 तो कहीं 10 प्रतिशत बच्चे ही पहुंचे स्कूल
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18 माह बाद खुले स्कूलाें का हाल:स्कूल खुलने के पहले दिन कहीं 25 तो कहीं 10 प्रतिशत बच्चे ही पहुंचे स्कूल

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका से असमंजस में पालक विकासखंड में कोरोना संक्रमण के कारण 18 महीने से बंद स्कूल बुधवार को फिर से प्रारंभ हुए लेकिन शहर के स्कूलों बच्चों की उपस्थिति 25 प्रतिशत ही रही। ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं 10 फीसदी बच्चे नजर आए तो दूर दराज स्कूलों में पहले दिन शिक्षक ही दिखाई दिए बच्चे पहुंचे ही नहीं। अभिभावक तीसरी लहर की आशंका के चलते अभी बच्चों को स्कूल भेजने का पूरी तरह मन नहीं बना पाए हैं। इस कारण सितंबर अक्टूबर तक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम रहने की उम्मीद है। नगर के कन्या मंडी शाला में पहले दिन बच्चियों को ना तो मध्याह्न भोजन की व्यवस्था रही और न ही उनको सूखा राशन प्राप्त हुआ। जबकि शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के माध्यमिक स्कूल में छात्राओं की उपस्थिति 40 रही वहां छात्राओं को सूखा राशन उपलब्ध कराया गया। विकासखंड शिक्षा अधिकारी मांडवी ब...
17 महीने बाद खुले स्कूल:UP में पहली से 12वीं, राजस्थान-दिल्ली में 9वीं से 12वीं और MP में 6वीं से 12वीं तक खुले स्कूल, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन
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17 महीने बाद खुले स्कूल:UP में पहली से 12वीं, राजस्थान-दिल्ली में 9वीं से 12वीं और MP में 6वीं से 12वीं तक खुले स्कूल, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन

कोरोना वायरस के मामलों में आई गिरावट को देखते हुए देश के कई राज्यों में आज फिर से स्कूल खुले हैं। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान जैसे राज्यों में सख्त प्रोटोकॉल के साथ स्कूल खोले गए हैं। राज्य सरकारों ने स्कूलों को कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करने का निर्देश दिया है। इसके तहत स्कूल में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य किया गया है। साथ ही स्टूडेंट्स, टीचर्स और स्टाफ की थर्मल स्क्रीनिंग भी कराई जा रही है। कोरोना महामारी की वजह से एक साल से अधिक समय से स्कूल बंद थे। हालांकि इस दौरान वर्चुअल क्लास चलती रही। स्कूल खुलने को लेकर बच्चों में उत्साह नजर आ रहा है, लेकिन तीसरी लहर की आशंका को लेकर पेरेंट्स थोड़े डरे हुए भी हैं। वहीं, राज्य सरकारों का प्रयास है कि कोरोना के कम होते संक्रमण के बीच स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई धीरे-धीरे शुरू की जाए। UP में आज से 1 से 5वी...
दो वर्ष से लगा ताला:सफाई नहीं, कल से खुलेंगे 6वीं से 12वीं तक के स्कूल, मार्च 2020 से संस्थानों को बंद कर दिया गया था
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दो वर्ष से लगा ताला:सफाई नहीं, कल से खुलेंगे 6वीं से 12वीं तक के स्कूल, मार्च 2020 से संस्थानों को बंद कर दिया गया था

हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों के बाद 1 सितंबर से सरकार ने मिडिल स्कूल खोलने का फरमान जारी कर दिया, लेकिन 1 सितंबर से खुलने वाले स्कूलों को लेकर स्थानीय प्रबंधन ने अब तक कोई तैयारी नहीं की। कई जगह तो स्थिति यह है कि कई स्कूलों के ताले पिछले 2 साल से खुले ही नहीं। कई जगह तो क्लास रूम में गंदगी है और बारिश में सफाई तक नहीं हुई। इन सब अव्यवस्थाओं के बीच स्कूलों में क्लास लगाना शिक्षा विभाग के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। कोरोना संक्रमण का खतरा शुरू होते ही मार्च 2020 से शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया था। हाल ही में हाई व हासे स्कूलों में 50% क्षमता के साथ क्लास शुरू कर दी गई। छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। जिला शिक्षाधिकारी एके मुदगिल ने बताया कि 1 सितंबर से 6वीं से 12वीं तक की सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की कक्षाएं 50 प्रतिशत क्षमता के साथ लगाने की अनुमति जारी की है।...
MP में 1 सितंबर से हफ्तेभर खुलेंगे स्कूल:छठी से 12वीं तक के सभी स्कूल 50% क्षमता के साथ खोलने का फैसला; 1 बच्चे की क्लास 3 दिन लगेगी, 3 दिन ऑनलाइन ही पढ़ना होगा
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MP में 1 सितंबर से हफ्तेभर खुलेंगे स्कूल:छठी से 12वीं तक के सभी स्कूल 50% क्षमता के साथ खोलने का फैसला; 1 बच्चे की क्लास 3 दिन लगेगी, 3 दिन ऑनलाइन ही पढ़ना होगा

मध्यप्रदेश में 1 सितंबर से 6वीं से 12वीं तक की सभी क्लासेस रोजाना (रविवार को छोड़कर) लगाई जाएंगी। क्लास में 50% बच्चे उपस्थित रह सकेंगे। यह निर्णय शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। क्लास के संचालन के दौरान पेरेंट्स की सहमति और कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन अनिवार्य है। बैठक में स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री इंदर सिंह परमार एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। स्टाफ को वैक्सीन का कम से कम एक डोज लगना अनिवार्य है। निर्देश के अनुसार 50% क्षमता से स्कूल खुलने हैं। ऐसे में 6वीं से 12वीं तक के सभी स्टूडेंट्स को 3 दिन ही स्कूल आना होगा, जबकि 3 दिन घर से ऑनलाइन क्लास जॉइन करनी होगी। अभी इस तरह स्कूल चल रहे सिर्फ 50% क्षमता के साथ 9वीं से 12वीं की क्लास लग रही हैं। 11वीं और 12वीं की क्लास सप्ताह में दो दिन है। 9वीं और 10वीं की क्लास स...
MP में छोटे बच्चे भी स्कूल के लिए रहें तैयार:स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- 9वीं से 12वीं की क्लास के दिन बढ़ाए जाएंगे; 8वीं तक की क्लास पर भी 4 दिन में फैसला
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MP में छोटे बच्चे भी स्कूल के लिए रहें तैयार:स्कूल शिक्षा मंत्री बोले- 9वीं से 12वीं की क्लास के दिन बढ़ाए जाएंगे; 8वीं तक की क्लास पर भी 4 दिन में फैसला

मध्यप्रदेश में अब छोटे बच्चे भी स्कूल जाने की तैयारी कर लें, क्योंकि स्कूल शिक्षा विभाग अगले 4 दिन में इस पर फैसला लेगा। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा है कि बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ा है, इसलिए अब और स्कूल बंद नहीं रखे जा सकते। अगले 4 दिन में यानी 30 अगस्त तक स्कूल में बच्चे कैसे आएं और क्लास कैसे शुरू हों, इस पर निर्णय ले लेंगे। दो दिन के अंदर सभी के साथ मीटिंग कर स्कूलों को लेकर रणनीति तैयार करेंगे। अगर कोरोना की रिपोर्ट ठीक रहती है, तो सितंबर के दूसरे सप्ताह तक छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने पर विचार कर रहे हैं। इसके पीछे दो दिन पहले IIT कानपुर के पद्मश्री प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल के दावे का भी तर्क दिया जा रहा है। मनिंद्र ने कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका अब न के बराबर है। यह प्लान तैयार किया जिला क्राइसिस मैनेजमेंट के साथ स्कूल शिक्षा विभाग के अध...
MP में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू:देश का पहला राज्य बना मप्र, CM ने कहा- स्टेट रिसर्च एंड नॉलेज फाउंडेशन बनेगा, इंडस्ट्रीज को हायर एज्युकेशन से जोड़ेंगे
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MP में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू:देश का पहला राज्य बना मप्र, CM ने कहा- स्टेट रिसर्च एंड नॉलेज फाउंडेशन बनेगा, इंडस्ट्रीज को हायर एज्युकेशन से जोड़ेंगे

MP में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू हो गई है। भोपाल के मिंटो हॉल में गुरुवार को राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई शिक्षा नीति का शुभारंभ किया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। CM ने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी राज्य शोध एवं ज्ञान फाउंडेशन बनाने की घोषणा की है। गुरुवार सुबह मिंटो हॉल में कार्यक्रम हुआ। मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगूभाई पटेल थे, जबकि अध्यक्षता CM शिवराज सिंह चौहान ने की। विशिष्ठ अतिथि उच्चशिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव थे। राज्यपाल ने कहा कि अंग्रेजों से पहले भी तक्षशिक्षा और नालंदा जैसी विद्यापीठ थी। पहले इन विद्यापीठों में दुनियाभर से लोग पढ़ने आते थे। ऐसे देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई है, जो मप्र की शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की की बड़ी वजह बनेगी। राज्यपाल ने कौशल, ...
MP बोर्ड की विशेष परीक्षा:10वीं में 9000 छात्र, साढ़े 4 हजार सिर्फ मुरैना-भिंड, ग्वालियर और सतना से; भोपाल-इंदौर में 700 स्टूडेंट्स, 12वीं में साढ़े 5 हजार बच्चे ही
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MP बोर्ड की विशेष परीक्षा:10वीं में 9000 छात्र, साढ़े 4 हजार सिर्फ मुरैना-भिंड, ग्वालियर और सतना से; भोपाल-इंदौर में 700 स्टूडेंट्स, 12वीं में साढ़े 5 हजार बच्चे ही

MP बोर्ड की 10वीं और 12वीं की 6 सितंबर से होने वाली विशेष परीक्षा में कुल 18 लाख छात्रों से 14 हजार ही छात्र शामिल हो रहे हैं। हैरानी की बात है कि 10वीं में कुल 9 हजार छात्रों में से मुरैना, भिंड, सतना और ग्वालियर से ही साढ़े 4 हजार छात्र बैठ रहे हैं, जबकि भोपाल और इंदौर के 700 में छात्र हैं। इसके अलावा शेष छात्र प्रदेश भर से हैं। 10वीं में इस बार करीब 10 लाख छात्र शामिल हुए थे। इसी तरह 12वीं में भिंड और इंदौर में सबसे ज्यादा करीब 600 छात्र शामिल हो रहे हैं, जबकि 5 हजार में से शेष प्रदेश भर के हैं। 12वीं की परीक्षा में करीब 7 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। शर्त के कारण बच्चे नहीं बैठ रहेकोरोना के कारण परीक्षा नहीं हुई थी। 10वीं और 12वीं में सभी बच्चों को पास कर दिया गया। ऐसे में कानूनी झमेले से बचने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने रिजल्ट से नाखुश छात्रों के लिए विशेष परीक्षा का विकल्प दिया, ...
MP में स्कूलों पर फिलहाल निर्णय नहीं:कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इसी तरह चलेंगे स्कूल; 9वीं से 12वीं की क्लास बढ़ाने या छोटे बच्चों को लेकर नहीं हो सकी बैठक
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MP में स्कूलों पर फिलहाल निर्णय नहीं:कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इसी तरह चलेंगे स्कूल; 9वीं से 12वीं की क्लास बढ़ाने या छोटे बच्चों को लेकर नहीं हो सकी बैठक

मध्यप्रदेश में कोरोना के केस बढ़ने का असर फिर से स्कूलों पर दिखाई देने लगा है। भोपाल में गुरुवार को 6 और प्रदेश में 18 केस आने के बाद फिर से स्कूल शिक्षा विभाग में मंथन शुरू हो गया है। अभी की स्थिति में स्कूल इसी तरह चलते रहेंगे। स्कूल खुलने के बाद इस पर अधिकारियों की बैठक नहीं हुई है। ऐसे में अब कोई भी बच्चों को स्कूल बुलाने की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। फिलहाल 11वीं और 12वीं की क्लास 50% क्षमता के साथ सप्ताह में दो दिन चलती रहेंगी। इसके अलावा 9वीं और 10वीं की क्लास सप्ताह में एक ही दिन हैं। कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं स्कूल शिक्षा विभाग पहले से ही 15 अगस्त के बाद से ही स्कूल में बच्चों को बुलाना चाह रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 26 जुलाई को 11वीं और 12वीं क्लास के बच्चों के लिए एक दिन स्कूल बुलाने का ऐलान करने के बाद आनन-फानन में स्कूल खोले गए। सिर्फ ए...
MP बोर्ड की नई गाइडलाइन:दूसरे राज्यों के छात्रों को 10वीं-12वीं में एडमिशन के लिए पास होने की मार्कशीट देना होगा; आज एडमिशन लेने का अंतिम दिन
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MP बोर्ड की नई गाइडलाइन:दूसरे राज्यों के छात्रों को 10वीं-12वीं में एडमिशन के लिए पास होने की मार्कशीट देना होगा; आज एडमिशन लेने का अंतिम दिन

माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश ने 10वीं और 12वीं में एडमिशन के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। एमपी बोर्ड सप्लीमेंट्री वाले स्टूडेंट को छोड़कर अन्य किसी भी बोर्ड अथवा अन्य राज्य के किसी छात्र को पास होने की संभावना के आधार पर कक्षा 10वीं-12वीं में अस्थाई प्रवेश नहीं दिया जाएगा। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए जून 2021 या इसके पहले पास-फेल छात्र को उसकी पात्रता अनुसार कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं में प्रवेश दिया जाएगा। मध्यप्रदेश में 9वीं से लेकर 12वीं तक की क्लास में एडमिशन का आज अंतिम दिन है। आज एडमिशन लेने का अंतिम दिन्रMP बोर्ड के जनसंपर्क अधिकारी एसके चौरसिया ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के मंडल से मान्यता प्राप्त स्कूलों में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के लिए प्रवेश की आज अंतिम तारीख है। स्कूलों में 12 अगस्त तक छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा। परीक्षा फॉर्म भरने के 3 दिन शेषMP ...
जिला प्रतिभाओं का खजाना:विश्व रिकाॅर्ड बनाने वाली श्वेता नेमा सहित 15 प्रतिभाशाली बच्चे सम्मानित
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जिला प्रतिभाओं का खजाना:विश्व रिकाॅर्ड बनाने वाली श्वेता नेमा सहित 15 प्रतिभाशाली बच्चे सम्मानित

विदिशा विधानसभा क्षेत्र में एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं हैं। विदिशा प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का खजाना है। यह बात विधायक शशांक भार्गव ने कही। वे गुरुवार को यहां अपने जन्म दिवस के मौके पर प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने हुए विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि विदिशा विधानसभा क्षेत्र और पूरा जिला प्रतिभाओं का खजाना है। इस वर्ष जिन बच्चों ने वार्षिक परीक्षाओं, प्रतियोगी परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपने परिवार और शहर का नाम भी राष्ट्र के पटल पर पहुंचाया है। हम सभी को गौरवान्वित किया है। इस मौके पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष निशंक जैन ने कहा कि विधायक शशांक भार्गव का शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष योगदान है। कोरोना काल में भी विधायक द्वारा स्वीकृत किए गए कार्य स्वागत योग्य व अनुकरणी हैं। विधायक भार्गव के निवास पर श...