Tuesday, October 28

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ब्लैक फंगस का कहर:गंजबासौदा के युवक की ब्लैक फंगस से भोपाल जाते समय मौत
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ब्लैक फंगस का कहर:गंजबासौदा के युवक की ब्लैक फंगस से भोपाल जाते समय मौत

जिले में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। विदिशा जिले के 3 तीन लोगों की मौत इस बीमारी की वजह से हो चुकी है। गंजबासौदा के एक युवक को बुधवार को भोपाल रेफर किया गया था। रास्ते में युवक ने दम तोड़ दिया। मरीजों को भोपाल के हमीदिया के म्यूकर वार्ड में बेड भी नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं। सिरोंज के एक मरीज ने भोपाल में जांच कराई तो ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं। मरीज के परिजनों का कहना है कि दो दिन हो गए लेकिन हमीदिया हास्पिटल में बेड नहीं मिलने की वजह से इलाज शुरू नहीं हो पाया है। विदिशा में तीन मरीज जिला अस्पताल में आए थे। वहीं मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील नंदेश्वर का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस का एक भी मरीज नहीं मिला है। भोपाल कमिश्नर कवीन्द्र कियावत ने सीएमएचओ को निर्देश देते हुए कहा कि ब्लैक फंगस के संक्रमण के लक...
MP में जल्द अनलॉक की तैयारी:भाेपाल में 25 मई से मिल सकती है ढील; दफ्तरों में बढ़ेंगे कर्मचारी, शादी को देखते हुए कुछ दुकानें खोली जाएंगी; सीएम ने भी उज्जैन में दिए संकेत
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MP में जल्द अनलॉक की तैयारी:भाेपाल में 25 मई से मिल सकती है ढील; दफ्तरों में बढ़ेंगे कर्मचारी, शादी को देखते हुए कुछ दुकानें खोली जाएंगी; सीएम ने भी उज्जैन में दिए संकेत

मध्यप्रदेश में दूसरी लहर में तेजी घटते संक्रमण को देखते हुए अनलाॅक की तैयारी भी शुरू हो गई है। भोपाल में 25 मई से ढील मिल सकती है। सबसे पहले दफ्तरों में 10% वर्क फोर्स की बाध्यता को खत्म करके बढ़ाया जाएगा। शहर में लगी बैरिकेडिंग हटा दी जाएगी। शादियों को देखते हुए कुछ दुकानों को सख्त कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोलने की अनुमति का निर्णय दो-तीन दिन में किया जाएगा। खाने-पीने की दुकानें भी शनिवार-रविवार को छोड़कर सप्ताह में एक दो दिन या रोजाना कुछ घंटे के लिए खोलने की अनुमित दी जा सकती है। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अनलॉक के संकेत दिए हैं। बुधवार को उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री ने क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में कहा कि 31 मई तक सख्त लॉकडाउन रहेगा। इसके बाद 1 जून से धीरे-धीरे जिलों को खोला जाएगा। ये फैसला सिर्फ उज्जैन संभाग के लिए ही है। मुख्यमंत्री ने संकेत दिए कि कोरोना नियंत्रण मे...
थोक महंगाई निकली 10% के पार:थोक महंगाई 7.39% से बढ़कर हुई 10.49%; रिटेल महंगाई 5.52% से घटकर 4.3%, कैसे पड़ रहा आपके साथ इकोनॉमी पर असर, जानें सबकुछ
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थोक महंगाई निकली 10% के पार:थोक महंगाई 7.39% से बढ़कर हुई 10.49%; रिटेल महंगाई 5.52% से घटकर 4.3%, कैसे पड़ रहा आपके साथ इकोनॉमी पर असर, जानें सबकुछ

महामारी के इस दौर में आम लोगों की मुश्किलों कम होने का नाम ले रही। एक तरफ कोरोना वायरस से लोगों के जान पर बन आई है, तो दूसरी ओर महंगाई की मार से आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो रही है। अप्रैल में लागत बढ़ने से थोक महंगाई दर 11 साल के सबसे ऊंचे स्तर 10.49% पर पहुंच गई है, जो मार्च में 7.39% रही। यह सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ने, ईंधन और मेटल के महंगे होने से बढ़ रही है। हालांकि, रिटेल महंगाई दर घटकर 4.3% रही, जो मार्च में यह 5.52% थी। यह लगातार 5वें महीने रिजर्व बैंक के तय दायरे 2%-6% में है। महंगाई कैसे मापी जाती है?भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) भी कहते हैं। वहीं, होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) का अर्थ उन कीमतों से होता है, जो थोक...
PM की अफसरों से सीधी बात:मोदी 10 राज्यों के 54 कलेक्टरों के साथ आज करेंगे वर्चुअल मीटिंग, कोरोना से निपटने पर होगी चर्चा
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PM की अफसरों से सीधी बात:मोदी 10 राज्यों के 54 कलेक्टरों के साथ आज करेंगे वर्चुअल मीटिंग, कोरोना से निपटने पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे कोरोना महामारी पर नियंत्रण को लेकर 10 राज्यों के 54 जिले के कलेक्टरों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान वे कोरोना की दूसरी लहर में बने हालात और उससे निपटने के अनुभवों पर अफसरों के साथ चर्चा करेंगे। यह बैठक वर्चुअल तौर पर आयोजित की जाएगी। इससे पहले PMO की तरफ से मीटिंग को लेकर राज्यों के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को पत्र लिखकर जानकारी दे दी गई थी। इन 10 राज्यों के कलेक्टर होंगे शामिलप्रधानमंत्री जिन 10 राज्यों के कलेक्टरों के साथ बैठक करेंगे, उनमें झारखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान, ओडिशा, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश और पुडुचेरी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार PM की बैठक से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस मामले में राज्यों से प्रजेंटेशन मांगा था। इसे 19 मई तक PMO ऑफिस भेजने के निर्देश दिए थे।...
भारत में इसलिए मास्क जरूरी:वैक्सीन लगवाने के बाद अमेरिका में मास्क से छुटकारा, जानिए भारत में यह छूट क्यों खतरनाक साबित हो सकती है
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भारत में इसलिए मास्क जरूरी:वैक्सीन लगवाने के बाद अमेरिका में मास्क से छुटकारा, जानिए भारत में यह छूट क्यों खतरनाक साबित हो सकती है

अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने पिछले दिनों वैक्सीन की सभी डोज लगवा चुके लोगों (fully vaccinated) को अमेरिका में मास्क न लगाने की छूट दे दी। वहां fully vaccinated उन लोगों को माना जाता है जिन्हें डबल डोज वैक्सीन की दोनों डोज और सिंगल डोज वैक्सीन की एक डोज लगने के बाद दो हफ्ते गुजर चुके हों। अमेरिका में CDC उसी तरह काम करती है जैसे भारत में ICMR करती है। CDC का कहना है कि उसकी यह नई गाइडलाइन उन स्टडीज पर आधारित है जिनके मुताबिक वैक्सीन की सभी डोज लगने के बाद बहुत ही कम लोगों को कोरोना होता है। ऐसे लोगों में दूसरों को कोरोना फैलाने की क्षमता भी बेहद कम होती है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या भारत में भी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को मास्क न लगाने की छूट दी जा सकती है? ज्यादातर विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के हालात अमेरिका से काफी अलग हैं। भार...
वैक्सीनेशन की नई गाइडलाइन:कोरोना से उबरने के 3 महीने बाद लगेगी वैक्सीन, दूध पिलाने वाली मां को भी टीका लगाया जा सकेगा
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वैक्सीनेशन की नई गाइडलाइन:कोरोना से उबरने के 3 महीने बाद लगेगी वैक्सीन, दूध पिलाने वाली मां को भी टीका लगाया जा सकेगा

नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड (NEGVAC) की वैक्सीनेशन को लेकर की गई नई सिफारिशों को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इनके मुताबिक, कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले व्यक्ति को 3 महीने बाद वैक्सीन की डोज दी जा सकती है। पहले यह कहा गया था कि किसी के कोरोना से संक्रमित होने के 6 महीने तक उसके शरीर में एंटीबॉडी रहती है। इसके अलावा दूध पिलाने वाली मांओं को भी टीके लगाने की सिफारिश को मान लिया गया है। अब तक गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीका नहीं लगाया जा रहा था, क्योंकि वैक्सीन के ट्रायल में ऐसी महिलाओं को शामिल नहीं किया गया था। इस पर रिसर्च चल रही थी कि टीका उनके लिए सुरक्षित है या नहीं। उनका कोई सेफ्टी डेटा भी नहीं था। गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन पर अभी फैसला नहीं हुआ है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के साथ इस पर विचार किया जा रहा है। इन 3 सिफारिशों को भी...
स्कूल लॉक, पढ़ाई डाउन:ज्यादातर बच्चे ऑनलाइन क्लास से चिढ़ गए हैं; कई परिवार कर्ज लेने के लिए मजबूर हुए, तो कई बच्चों पर पढ़ाई छूटने का संकट
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स्कूल लॉक, पढ़ाई डाउन:ज्यादातर बच्चे ऑनलाइन क्लास से चिढ़ गए हैं; कई परिवार कर्ज लेने के लिए मजबूर हुए, तो कई बच्चों पर पढ़ाई छूटने का संकट

कोरोना की वजह से देशभर में स्कूल बंद है। करीब एक साल से बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन ज्यादातर बच्चे ऐसे भी हैं जिन तक ऑनलाइन क्लास नहीं पहुंच सकी है। कई बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है, कई बच्चों के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है। ग्रामीण इलाकों में तो बिजली कनेक्शन और पर्याप्त लाइट नहीं होना भी एक बड़ी वजह है जिसके चलते करोड़ों बच्चे पढ़ाई से दूर रह गए हैं। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 32 करोड़ 7 लाख से ज्यादा बच्चे लॉकडाउन की वजह से पढ़ाई से दूर हो गए हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक साल से भी ज्यादा समय से चल रही इन ऑनलाइन क्लास से क्या बच्चे खुश हैं ? क्या पढ़ाई की इस वर्चुअल दुनिया से बच्चों के व्यवहार में कोई परिवर्तन आया है? क्या इससे बच्चों के साथ उनके परिवार पर भी कोई असर पड़ा है? ऑनलाइन क्लास से बच्चों में मानसिक तनाव बढ़ा, पेरेंट्स भी परेशान बच्चों क...
कोरोना देश में:24 घंटे में 2.76 लाख केस आए, 3.68 लाख ठीक हुए; लगातार सातवां दिन जब रिकवर होने वालों का आंकड़ा नए मरीजों से ज्यादा रहा
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कोरोना देश में:24 घंटे में 2.76 लाख केस आए, 3.68 लाख ठीक हुए; लगातार सातवां दिन जब रिकवर होने वालों का आंकड़ा नए मरीजों से ज्यादा रहा

देश में कोरोना के केस कम होने का सिलसिला जारी है। बीते 24 घंटे में 2 लाख 76 हजार 59 नए संक्रमितों की पहचान हुई। 3 लाख 68 हजार 788 मरीज ठीक हुए, जबकि 3,876 लोगों की मौत हो गई। यह लगातार सातवां दिन था जब नए मरीजों से ज्यादा ठीक होने वालों का आंकड़ा रहा। बुधवार को एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 96,647 की कमी हुई। अब 31 लाख 25 हजार 140 मरीजों का इलाज चल रहा है। 11 दिन पहले 9 मई को यह आंकड़ा 37.41 लाख के पीक पर पहुंच गया था। देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए: 2.76 लाखबीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए: 3.68 लाखबीते 24 घंटे में कुल मौतें: 3,876अब तक कुल संक्रमित हो चुके: 2.57 करोड़अब तक ठीक हुए: 2.23 करोड़अब तक कुल मौतें: 2.87 लाखअभी इलाज करा रहे मरीजों की कुल संख्या: 31.25 लाख 19 राज्यों में लॉकडाउन जैसी पाबंदियांदेश के 19 राज्यों में पूर्ण ...
विदिशा का मामला:लोडिंग ऑटो में खाट पर मरीज; ऑक्सीजन सिलेंडर भी साथ में, नीम के पत्तों से परिजन करते रहे हवा विदिशा9 घंटे पहले
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विदिशा का मामला:लोडिंग ऑटो में खाट पर मरीज; ऑक्सीजन सिलेंडर भी साथ में, नीम के पत्तों से परिजन करते रहे हवा विदिशा9 घंटे पहले

ग्यारसपुर ब्लॉक के साजन खेड़ी गांव के 45 वर्षीय हरप्रसाद लोधी को परिजन मंगलवार को लोडिंग ऑटो में खाट पर लेकर आए। वे ऑक्सीजन पर थे और परिजन नीम के पत्तों से हवा कर रहे थे। सांची रोड पर वे एक निजी डॉक्टर के क्लीनिक पर इलाज कराने आए थे। परिजनों ने बताया कि हरप्रसाद लोधी ने 6 अप्रैल को कोरोना टेस्ट कराया था और 8 अप्रैल को पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। तो मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया। यहां उनका एक महीने से ज्यादा समय तक इलाज चलता रहा। 12 मई को उनकी छुट्टी कर दी गई। कपूर और अजवाइन की धूनी दी मंगलवार को तबियत बिगड़ी तो घर पर कपूर और अजवाइन की धूनी दी। इसके बाद परिजनों ने ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया और लोडिंग ऑटो में लेकर विदिशा आ गए। परिजन नीम के पत्तों से हवा कर रहे थे। उनके भतीजे का कहना था कि हम उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती नहीं कराना चाहते।...
रेलवे अस्पतालों में लगेगा ऑक्सीजन प्लांट:जबलपुर के सेंट्रल रेलवे हॉस्पिटल में 600 लीटर प्रति मिनट बनेगी ऑक्सीजन, भोपाल व कोटा में भी लग रहा प्लांट
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रेलवे अस्पतालों में लगेगा ऑक्सीजन प्लांट:जबलपुर के सेंट्रल रेलवे हॉस्पिटल में 600 लीटर प्रति मिनट बनेगी ऑक्सीजन, भोपाल व कोटा में भी लग रहा प्लांट

कोरोना संक्रमितों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत और इसे लेकर अस्पतालों में मारामारी के बीच रेलवे ने बड़ी पहल की है। जबलपुर सहित भोपाल व कोटा स्थित रेलवे हॉस्पिटलों में खुद का ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। जबलपुर में जहां प्लांट की क्षमता 600 लीटर प्रति मिनट की होगी। वहीं भोपाल व कोटा में 500-500 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनाने वाला प्लांट लगाया जा रहा है। रेलवे की इस पहल से अस्पताल में ऑक्सीजन के लिए सिलेंडर बदलने का झंझट समाप्त हो जाएगा। प्लांट में बनने वाली ऑक्सीजन से ही अस्पताल में सप्लाई होगी। यहां बता दें कि पूरे देश में ऑक्सीजन की मारामारी के बीच रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाकर लोगों की सांसें लौटाने में बड़ी भूमिका निभाई है। पहले दौर के संक्रमण को देखते हुए रेलवे ने इस बार स्पेशल ट्रेनें चलाकर मजदूरों के पलायन को समस्या नहीं बनने दिया। हालांकि इस कोशिशों में बड़ी संख्या में रेल...