
जिले में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। विदिशा जिले के 3 तीन लोगों की मौत इस बीमारी की वजह से हो चुकी है। गंजबासौदा के एक युवक को बुधवार को भोपाल रेफर किया गया था। रास्ते में युवक ने दम तोड़ दिया। मरीजों को भोपाल के हमीदिया के म्यूकर वार्ड में बेड भी नहीं मिल रहे हैं। इस वजह से मरीज परेशान हो रहे हैं।
सिरोंज के एक मरीज ने भोपाल में जांच कराई तो ब्लैक फंगस के लक्षण मिले हैं। मरीज के परिजनों का कहना है कि दो दिन हो गए लेकिन हमीदिया हास्पिटल में बेड नहीं मिलने की वजह से इलाज शुरू नहीं हो पाया है। विदिशा में तीन मरीज जिला अस्पताल में आए थे। वहीं मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील नंदेश्वर का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस का एक भी मरीज नहीं मिला है।
भोपाल कमिश्नर कवीन्द्र कियावत ने सीएमएचओ को निर्देश देते हुए कहा कि ब्लैक फंगस के संक्रमण के लक्षणों का चिन्हांकन कर त्वरित उपचार किया जाए। समस्त कोविड संदिग्ध, पुष्ट रोगी और स्वस्थ हो चुके छुट्टी प्राप्त कोविड रोगियों में मधुमेह का उचित चिन्हांकन एवं नियंत्रण किया जाना होगा। सीएमएचओ, सिविल सर्जन, प्रभारी कोविड अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के डीन को कहा कि ब्लैक फंगस से होने वाले रोगों के प्रति सजग रहकर रोगियों का उचित किया जाए।
ये हैं ब्लैक फंगस के लक्षण
- नाक जाम होना, नाक से काला या लाल स्राव होना।
- गाल की हड्डी में दर्द होना
- चेहरे पर एक तरफ दर्द होना या सूजन।
- दांत या जबड़े में दर्द, दांत टूटना।
- धुंधला या दोहरा दिखाई देना।
- सीने में दर्द और सांस में परेशानी।
- कोरोना मरीज ब्लैक फंगस से ऐसे बच सकते हैं
- खून में शुगर की ज्यादा नहीं होने दें तथा हाइपर ग्लाइसेमिया से बचें।
- कोरोना से ठीक हुए लोग ब्लड ग्लूकोज पर नजर रखें।
- स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय और डोज का पूरा ध्यान रखें।
- एंटीबायोटिक और एंटी फंगल दवाओं का इस्तेमाल डॉक्टर के परामर्श से ही करें।