आइसीएमआर का दावा कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स वाली रिसर्च गलत, कहा- हमारा कोई लेना देना नहीं
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के उस शोध को पूरी तरह भ्रामक और गलत तथ्यों पर आधारित बताया है, जिसमें कोरोना के टीके कोवैक्सिन के दुष्प्रभावों का दावा किया गया था। यह शोध न्यूजीलैंड के ड्रग सेफ्टी जर्नल में छपा था। इसके संपादक और बीएचयू को भेजे पत्र में आइसीएमआर ने कहा कि उसका इस शोध से कोई लेना-देना नहीं है।
कोवैक्सिन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे- रिसर्च
रिसर्च में कहा गया था कि भारत वायोटेक (Biotech) की कोवैक्सिन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे हैं। जिन लोगों ने कोवैक्सिन लगवाई, उनमें 30 फीसदी में किसी न किसी तरह के साइड इफेक्ट्स देखे गए। महिलाओं में पीरियड्स संबंधी दिक्कतें देखी जा रही हैं। आइसीएमआर ने कहा कि उसने इस शोध में न तो टेक्निकल मदद दी, न ही वित्तीय सहायता। शोध में कहा गया कि कोवैक्सिन के प्रभाव को लेकर एक साल तक अध्ययन किय...










