Tuesday, November 11

अब लंग्स ट्रांसप्लांट भी करेगा AIIMS, मध्य भारत का होगा पहला सरकारी अस्पताल

भोपाल एम्स में लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए एक्मो मशीन, हार्ट-लंग्स मशीन और आइएडीपी मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। ये मशीनें मरीज को सर्जरी से पहले और दौरान स्थिर रखने में सहायक होती हैं।

MP की राजधानी भोपाल के एम्स में जल्द ही लंग्स ट्रांसप्लांट शुरू होने जा रहा है। इससे फेफड़ों की गंभीर बीमारी के मरीजों का उपचार और सुगम होगा। इसके लिए जरूरी सोटो (स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया। रिपोर्ट मिलते ही ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए एक्मो मशीन, हार्ट-लंग्स मशीन और आइएडीपी मशीन का उपयोग किया जाएगा। ये मशीनें मरीज को सर्जरी से पहले और दौरान स्थिर रखने में मदद करती हैं।

कई ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा होगी एम्स में: एम्स भोपाल में लंग्स ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद यह सेंट्रल इंडिया का पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां हार्ट, किडनी, बोन मैरो और लंग्स ट्रांसप्लांट की सभी सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध होंगी। निरीक्षण गांधी मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन विभाग की एचओडी के नेतृत्व में किया गया।

डॉक्टरों ने चेन्नई में ली विशेष ट्रेनिंग

लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए एम्स के कार्डियक वैस्कुलर सर्जन की टीम ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है। टीम ने चेन्नई में हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट की विशेष तकनीकी प्रशिक्षण लिया। यह ट्रेनिंग सफल ट्रांसप्लांट के लिए अनिवार्य मानी जाती है।