Sunday, October 19

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बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं केमिकल से पके आम, प्राकृतिक रूप से पके आमों की पहचान कैसे करें
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बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं केमिकल से पके आम, प्राकृतिक रूप से पके आमों की पहचान कैसे करें

आम खाने के शौकीन लोग संभल जाएं। यह शौक आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह आपको पांचनतंत्र की समस्याओं के अलावा कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी भी दे सकता है। जी हां, बाजार में जिस घातक रसायन से पकाकर आम लाए जा रहे हैं, वह स्वाद में भले ही अच्छा लगे पर सेहत के लिए हानिकारक है। इसलिए आंखें खोलकर आम खरीदें। आम पर लगे हुए हानिकारक रसायनिक पदार्थ का सेहत पर असर बाजार में इन दिनों फलों का राजा कहलाने वाले आम की बिक्री बड़े जोरों पर है। बाजार में बिक रहा आम प्राकृतिक रूप से नहीं पका हुआ,बल्कि इसे विभिन्न रसायनिक पदार्थ के सहयोग से पकाया जा रहा है। आम पर लगे हुए हानिकारक रसायनिक पदार्थ का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। कस्बे में फल विक्रेताओं से जब इस बारे में बात की तो माना की यह आम सेहत के लिए अच्छे नहीं है। रसायनिक पदार्थ से पके हुए फलों को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि इनसे विभिन्न पेट संबंधित ब...
आइसीएमआर का दावा कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स वाली रिसर्च गलत, कहा- हमारा कोई लेना देना नहीं
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आइसीएमआर का दावा कोवैक्सिन के साइड इफेक्ट्स वाली रिसर्च गलत, कहा- हमारा कोई लेना देना नहीं

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के उस शोध को पूरी तरह भ्रामक और गलत तथ्यों पर आधारित बताया है, जिसमें कोरोना के टीके कोवैक्सिन के दुष्प्रभावों का दावा किया गया था। यह शोध न्यूजीलैंड के ड्रग सेफ्टी जर्नल में छपा था। इसके संपादक और बीएचयू को भेजे पत्र में आइसीएमआर ने कहा कि उसका इस शोध से कोई लेना-देना नहीं है। कोवैक्सिन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे- रिसर्च रिसर्च में कहा गया था कि भारत वायोटेक (Biotech) की कोवैक्सिन के गंभीर साइड इफेक्ट्स सामने आ रहे हैं। जिन लोगों ने कोवैक्सिन लगवाई, उनमें 30 फीसदी में किसी न किसी तरह के साइड इफेक्ट्स देखे गए। महिलाओं में पीरियड्स संबंधी दिक्कतें देखी जा रही हैं। आइसीएमआर ने कहा कि उसने इस शोध में न तो टेक्निकल मदद दी, न ही वित्तीय सहायता। शोध में कहा गया कि कोवैक्सिन के प्रभाव को लेकर एक साल तक अध्ययन किय...
भारत के खाने में मिला कीटनाशक, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
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भारत के खाने में मिला कीटनाशक, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने खाद्य फसलों और खाने की चीजों में कीटनाशकों व केमिकल के अत्यधिक उपयोग पर रोक के लिए दायर याचिका पर केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) को नोटिस देकर जवाब मांगा है। एक वकील आकाश वशिष्ठ की जनहित याचिका (PIL) में आरोप लगाया गया है कि खाद्यान्न सहित अन्य फसलों व खाने की चीजों, दालों व अन्य वस्तुओं पर कृत्रिम रंग, कोटिंग और वैक्सिंग में कीटनाशकों और केमिकल का धड़ल्ले से जरूरत से ज्यादा उपयोग (ओवरयूज) हो रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कीटनाशक युक्त भोजन का सेवन देश भर में लोगों के लिए कैंसर और अन्य घातक बीमारियों का प्रमुख कारण बन गया है और इससे मौतें भी हाे रही हैं। कीटनाशकों का उपयोग नियंत्रित करने में सरकार और खाद्य नियामक FSSAI पूरी तरह विफल रही हैं। उनके पास नमूना निरीक्षण का पर्याप्त डेटा तक नहीं है और बनाए गए केसों में ...
दुनिया का सबसे महंगा साढ़े सत्रह करोड़ का इंजेक्शन लाया गया जयपुर, अब बचेगी मासूम हृदयांश की जिंदगी
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दुनिया का सबसे महंगा साढ़े सत्रह करोड़ का इंजेक्शन लाया गया जयपुर, अब बचेगी मासूम हृदयांश की जिंदगी

स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉपी से पीड़ित हृदयांश अब आम लोगों की तरह जिंदगी जी सकेगा। अब उसे दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन जोलगेनेस्मा लगने जा रहा है। हृदयांश का आज दोपहर दो बजे तक इंजेक्शन लग सकता है। उसके लिए पेपर वर्क कंप्लीट किया जा रहा है। जेके लोन अस्पताल में इंजेक्शन आ चुका है। जिसे आज या कल में बच्चे को लगाया जाएगा। हृदयांश के चाचा स्वप्निल ने बताया कि इंजेक्शन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ने भी हृदयांश के इलाज में काफी मदद की है। उन्होंने इंजेक्शन की 17.5 करोड़ रुपए की राशि को चार किश्तों में जमा कराने की छूट दी है। अब तक क्राउड फंडिंग से जमा हुए 9 करोड़ रुपए से इंजेक्शन की पहली किश्त जमा करा दी है। बाकी राशि को तीन किश्तों में एक साल में जमा कराया जाएगा। प्री-टेस्ट के बाद लगाया जाएगा इंजेक्शनअमेरिका से लाया गया जोलगेनेस्मा इंजेक्शन सोमवार को जयपुर के जेके लॉन हॉस्पिटल में पहुंच गया है। आज ...
कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड लगवाने वालों के लिए बुरी खबर! जम सकते हैं खून के थक्के
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कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड लगवाने वालों के लिए बुरी खबर! जम सकते हैं खून के थक्के

ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार स्वीकार किया है कि कुल मामलों में उसकी कोविड-19 वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ब्रिटिश हाईकोर्ट में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को कई देशों में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेचा गया था। दो बच्चों के पिता जेमी स्कॉट ने पिछले साल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। वैक्सीन लेने के बाद उनके ब्रेन में खून के थक्के जम गए थे, जिससे वह काम करने में असमर्थ हो गए थे। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, ब्रिटेन की हाई कोर्ट में ऐसे 51 मामले दर्ज हैं, जिनमें पीडि़तों और तीमारदारों ने 10 करोड़ पाउंड तक के क्षतिपूर्ति मुआवजे की मांग की है। भारत में करीब 80% डोज कोविशील...
अब फ्री में होगा 5 लाख रुपए तक का इलाज, नहीं देना पड़ेगा 1 भी रुपया
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अब फ्री में होगा 5 लाख रुपए तक का इलाज, नहीं देना पड़ेगा 1 भी रुपया

भोपाल। बुढ़ापे में इलाज का खर्च उठाने की चिंता छोड़ दें। यह चिंता भाजपा की है। केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनते ही 70 से अधिक उम्र के नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में शामिल कर 5 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा। राजधानी के शास्त्री नगर से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वरिष्ठ नागरिकों के फॉर्म भरवाकर भाजपा के इस प्रदेशव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि इस अभिनव पहल से देश के करीब 40 लाख बुजुर्गों को लाभ ने रविवार सुबह वरिष्ठ नागरिकों के फॉर्म भरवाकर भाजपा के इस प्रदेशव्यापी कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि इस अभिनव पहल से देश के करीब 40 लाख बुजुर्गों को लाभ मिलेगा। इससे 70 साल से अधिक का कोई भी बुजुर्ग प्रदेश के किसी भी निजी अस्पताल में 5 लाख का इलाज मुफ्त में करा सकेंगे। इसके बाद भी इलाज में आवश्यकता पड़ती है तो प्रदेश सरकार ने...
सुप्रीम कोर्ट से रामदेव को बड़ा झटका, पतंजलि को चुकाना होगा 4.5 करोड़ का टैक्स
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सुप्रीम कोर्ट से रामदेव को बड़ा झटका, पतंजलि को चुकाना होगा 4.5 करोड़ का टैक्स

योग गुरु स्वामी रामदेव को सुप्रीम कोर्ट से फिर झटका लगा है। अब उनके योग शिविर सर्विस टैक्स (Service Tax) के दायरे में आ गए हैं। स्वामी रामदेव के योग शिविरों का आयोजन करने वाली संस्था पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट (Patanjali Yogpeeth Trust) को अब सर्विस टैक्स यानी सेवा शुल्क चुकाना होगा। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (CESTAT) की इलाहाबाद पीठ के 5 अक्टूबर, 2023 के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। पीठ ने ट्रस्ट की अपील को खारिज करते हुए कहा कि ट्रिब्यूनल ने सही कहा है कि शुल्क के लिए शिविरों में योग करना एक सेवा है। हमें विवादित आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला। अपील खारिज की जाती है। CESTAT ने अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट की ओर से आयोजित योग शिविर भागीदारी के लिए जो शुल्क ले...
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी-बंद करो ये हमले, नेतन्याहू बोले-बंधकों की रिहाई तक युद्ध जारी रहेगा
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डब्ल्यूएचओ की चेतावनी-बंद करो ये हमले, नेतन्याहू बोले-बंधकों की रिहाई तक युद्ध जारी रहेगा

इजराइल ( Israel ) और हमास ( Hamas) युद्ध( War) के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस एडनोम ( Tedros Adhanom) ने कहा है कि ये हमले बंद होना चाहिए। गाजा में बच्चों की मौत पूरी मानवता पर एक धब्बा है। जबकि इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ( Netanyahu) ने हमले रोकने से साफ इनकार करते हुए कहा है कि बंधकों की रिहाई तक युद्ध जारी रहेगा। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनोम ने कहा है कि युदध में मासूम बच्चों को मारना अमानवीयता है। गाजा में बच्चों की मौत पूरी मानवता पर एक धब्बा है। वर्तमान और भावी पीढ़ियों पर ये हमले बंद होने चाहिए। हमला 6 महीने बाद भी जारी World News in Hindi : गाजा पर 7 अक्टूबर से शुरू हुआ इजरायली हमला 6 महीने बाद भी जारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने एक बयान में कहा है कि गाजा के बच्चों की चोटें और मौतें मानवता पर एक दाग बनी रहेंगी और वर्तमान और भवि...
काम की खबर! सीजीएचएस और आयुष्मान कार्ड को लिंक करना अनिवार्य, वरना हो जाएगा ये नुकसान
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काम की खबर! सीजीएचएस और आयुष्मान कार्ड को लिंक करना अनिवार्य, वरना हो जाएगा ये नुकसान

केंद्र सरकार ने सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) बेनिफिशियरी आईडी को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट से लिंक करना जरूरी कर दिया है। 1 अप्रैल से यह नियम लागू हो गया है और 30 अप्रैल सीजीएचएस आइडी को आयुष्मान हेल्थ अकाउंट से लिंक कराने की डेडलाइन है। केंद्रीय कर्मचारी आमतौर पर इलाज के लिए सीजीएचएस कार्ड का इस्तेमाल करते हैं जिससे उनका इलाज कम या बिना पैसों के हो जाता है। इसके तहत एलोपैथिक के साथ आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध सहित योग और होम्योपैथिक चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। नियम लागू: 30 अप्रैल लिंक कराने की डेडलाइन - देशभर में 42 लाख से अधिक लाभार्थी सीजीएचएस योजना के अधीन है। - आयुष्मान भारत योजना के तहत 12 करोड़ परिवारों के 55 करोड़ से अधिक लोगों को सुरक्षा मिल रही। - 30 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा च...
लॉकडाउन और कोरोना का मंजर याद कर आज भी भर आती हैं आंखें
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लॉकडाउन और कोरोना का मंजर याद कर आज भी भर आती हैं आंखें

कोरोना का डर आज लगभग खत्म हो गया है, लेकिन आज से ठीक चार साल पहले स्थिति बिल्कुल अलग थी। 24 मार्च 2020 में कोरोना पर काबू पाने के लिए पहला देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। इस दौरान आम नागरिक तो अपने घरों में कैद हो गए लेकिन डॉक्टर, नर्स, पुलिस, प्रशासन, नगर निगम आदि के फ्रंटलाइन वर्कर्स पूरे समय मैदान में डंटे रहे। इससे न केवल लोग सुरक्षित रहे बल्कि इन वर्कर्स की जिंदगी में भी बदलाव आए। सिर्फ खाना खाने के लिए जाते थे घर कोरोना संक्रमण काल के दौरान प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों की सहायता की। सिर्फ खाना खाने के लिए घर जाते थे। दफ्तर में ही कई दिन और रात गुजरीं। इस दौरान बहुत कठिन समय निकाला। घर वाले तनाव में रहते थे कि कहीं कुछ हो न जाए लेकिन कर्तव्य पथ पर हमेशा चलते रहे। -पंकज खरे, फायर सेफ्टी अधिकारी, भोपाल आईसीयू में 12 घंटे तक करते थे ड्यूटी बेटी छोटी थी इसलिए परिवार...