मध्यप्रदेश के गांवों से ग्राउंड रिपोर्ट:दो बार घर-घर सर्वे और बायकॉट की चेतावनी देकर कोरोना से जीती जंग, कुछ गांव ऐसे जहां बीमारी के डर से ज्यादा विस्थापन का दर्द
सागर से कोई 60 किलोमीटर दूर नौरादेही अभयारण्य में बसा गांव खापा। यहां विस्थापन हो रहा है, इसलिए कोरोना को लेकर कोई चर्चा नहीं है। इन्हें कोरोना से बचने से ज्यादा रोटी, कपड़ा और मकान की चिंता है। वहीं, नीमच जिले के 25 किलोमीटर के दायरे के तीन गांवों की कहानी एकदम अलग है। इन गांव के लोगों के तीन प्रयासों ने कोरोना को फटकने भी नहीं दिया।
1. तीन गांवों की कहानी
जिले का गांव अल्हेड़। दोपहर 12 बजे यहां पहुंची, तो कुछ युवा गांव के मुख्य मार्ग पर कांटे लगाकर नाकेबंदी कर रहे थे। किशोर पाटीदार बोले- रास्ता तो 20 दिन से बंद है, आज तो यहां और ज्यादा झाड़ियां लगा रहे हैं ताकि कोई खोल नहीं पाए।
दशरथ ने बताया- चार दिन पहले यहां मरीज थे, अब सब ठीक हैं। सरपंच पति श्यामलाल वसीटा ने बताया- मुझे और पिताजी को कोरोना हो गया था। पिताजी की मौत हो गई। मैं अब ठीक हूं। गांव में अब तक 50 मौतें हो चुकी है। ...










