
जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर शमशाबाद रोड पर स्थित है सांकलखेड़ा खुर्द गांव। यहां की आबादी करीब 2500 है। यहां के सरपंच और ग्राम प्रधान सुरेंद्रसिंह रघुवंशी स्वयं हाथ में माइक लेकर पूरे गांव में घूमते हैं और लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जागरुक करते हैं।
पिछले एक महीने से इस गांव में बाहर लोगों का प्रवेश बंद करवा दिया गया है। यदि कोई इंदौर, भोपाल और अन्य शहरों से गांव में आता है तो उसे पहले पंचायत भवन में 10 दिनों तक क्वारेंटाइन कर दिया जाता है। इसके बाद ही गांव में प्रवेश दिया जाता है।
इतना ही नहीं यदि को सर्दी, बुखार और खांसी के लक्षण होते हैं तो उसे नजदीकी पीपलखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाकर इलाज करवाया जाता है। यही वजह है कि पिछले एक साल में यहां एक भी ग्रामीण अभी तक कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है।
पूरे गांव को संक्रमण छू तक नहीं सका है। इस संबंध में गांव के सरपंच और सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष सुरेंद्रसिंह रघुवंशी बताते हैं कि ग्राम पंचायत सांकल खेड़ा खुर्द में अब तक कोई भी पॉजिटिव नहीं है। हमने एक माह पूर्व से ही बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध कर दिया है। जो व्यक्ति गांव से बाहर काम करने गए हैं जैसे भोपाल, इंदौर से अपने गांव लौटते हैं तो 10 दिन क्वारेंटाइन रहेंगे। पंचायत भवन में क्वारेंटाइन सेंटर बनाया गया है।
2 लोग लेकर आते हैं गांव के लोगों का सामान
गांव के सरपंच सुरेंद्रसिंह रघुवंशी बताते हैं कि यदि किसी को थोड़ा- बहुत सर्दी -खांसी- बुखार का लक्षण दिखता है तो उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीपलखेड़ा भेज कर उचित इलाज कराया जाता है । घर की आवश्यक सामग्री लाना है तो गांव के 2 व्यक्ति जाते हैं और अन्य परिवारों का सामान लेकर आते हैं और उनको बांट देते हैं।
किल कोरोना वायरस तहत प्रत्येक घर में जाकर सबका पल्स ऑक्सो मीटर द्वारा ऑक्सीजन लेवल नापा जाता है और उनके हाथ सैनिटाइज कराए जाते हैं। उनको बार-बार साबुन से हाथ धोने के बारे में बताया जाता है। ग्राम लोगों की जागरुकता की वजह से ही कोरोना संक्रमण इस गांव तक नहीं पहुंचा है। बिना जरूरी काम के कोई बाहर नहीं निकलता है।18 वर्ष के ऊपर के सारे लोगों से पंजीयन करवाकर वैक्सीन लगवाने की अपील की जा रही है।