Sunday, October 19

कांशीराम जी भी चाहते थे की मूर्तियां लगें – मायावती

लखनऊ/उत्तरप्रदेश | सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मायावती के उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री रहते हुये उनके द्वारा लगाई गयी मूर्तियों का व्योरा माँगा गया था | जिसके जबाज में मायावती ने कोर्ट में एक हलफनामा नामा दाखिल किया हैं जिसमे कहा गया हैं की मुख्यमंत्री रहते इन मूर्तियों पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, क्योंकि जनता की इच्छा थी कि ऐसा होगा। कांशीराम जी भी चाहते थे कि उनकी (मायावती) की मूर्तियां लगें। बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये कहा था कि सार्वजनिक धन का प्रयोग अपनी मूर्तियां बनवाने और राजनीतिक दल का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा सकता। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे थे। इस मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को यानी की आज होनी थी जिसके तहत मायावती के द्वारा ये हलफनामा दायर किया गया हैं

बता दे उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के दौरान लखनऊ विकास प्राधिरकरण के सामने एक रिपोर्ट पेश हुई थी जिसमें दावा किया गया था कि लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बनाए गए पार्कों पर कुल 5,919 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे.रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी की पत्थर की 30 मूर्तियां जबकि कांसे की 22 प्रतिमाएं लगवाई गईं थी. इसमें 685 करोड़ का खर्च आया था. इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इन पार्कों और मूर्तियों के रखरखाव के लिए 5,634 कर्मचारी बहाल किए गए थे.