
नईदिल्ली | लोकसभा चुनाव आते ही सभी पार्टिया एक दुसरे के साथ गठबंधन करके वर्तमान सत्ताधारी पार्टी को हटाने में लगी हुयी हैं गठबंधन की जुगाड़ में कांग्रेस पार्टी सबसे आगे हैं कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार को गिराने के लिए उत्तरप्रदेश में सपा और बसपा के साथ गठबंधन किया था लेकिन मायावती को कांग्रेस को झटका देते हुये साफ़ कर दिया की वह कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी मायावती ने कहा की – कांग्रेस भ्रम न फैलाए. मायावती ने सख्त अंदाज में कांग्रेस को चेताते हुए साफ किया कि कांग्रेस से उनका न तो कोई गठबंधन है और न ही कोई तालमेल है. मायावती के इस रुख का समर्थन करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को नसीहत देने में देर नहीं लगाई और कह दिया कि सपा-बसपा और आरएलडी का गठबंधन बीजेपी को हराने में सक्षम है, इसलिए कांग्रेस कोई कन्फ्यूजन न पैदा करे. अब दिल्ली से भी ऐसी ही आवाजें आने लगी हैं. तो वही बिहार में एनडीए ने सीट बंटवारा फाइनल कर लिया है, जबकि महागठबंधन में अभी कुछ तय ही नहीं हो पा रहा है. अब बात यहां तक पहुंच गई है कि आरजेडी ने कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ने की चेतावनी दे दी है. दरअसल, 40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में कांग्रेस 11 सीटें मांग रही है, जबकि आरजेडी 8 से ज्यादा सीटें देने के मूड में किसी भी हालत में नहीं है. अब देखना ये हैं की कांग्रेस लोकसभा में किसके साथ मिलकर अपनी सरकार बनाएगी फ्रंट फुट पर खेलने का दंभ भरने वाली कांग्रेस चुनाव नजदीक आते-आते दिल्ली, बिहार, हरियाणा, पंजाब और यूपी में अलग-थलग पड़ गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस को आगाह कर दिया है कि वह सिर्फ जम्मू क्षेत्र में ही गठबंधन पर विचार करे, कश्मीर जोन की तीनों सीटों पर उनके ही उम्मीदवार लड़ेंगे. पश्चिम बंगाल में टीएमसी अपने दम पर लड़ रही है और तमाम प्रयासों के बाद भी कांग्रेस व लेफ्ट का गठबंधन भी आखिरकार नहीं हो सका है.