Tuesday, October 21

युवा स्वाभिमान योजना में युवा कम ले रहे रूचि

भोपाल | मनरेगा की तर्ज पर कमलनाथ सरकार द्वारा युवा स्वाभिमान योजना को लागु किया गया था, जिसमे युवाओ को 100 दिन का रोजगार देने का वादा किया गया था जिसमे युवाओ ने शुरुआत में रूचि दिखाई लेकिन अब स्वाभिमान योजना में युवाओ ने अचानक से रूचि लेना कम कर दिया हैं शहरी युवाओं को सालभर में 100 दिन का रोजगार देने वाली युवा स्वाभिमान योजना में कम उपस्थिति से शासन चिंतित है। योजना शुरू होने के 10 दिन बाद मंगलवार को इसमें करीब 8 हजार युवा ही उपस्थित हुए। मनरेगा की तर्ज पर तैयार इस योजना के लिए अब तक करीब सवा तीन लाख युवाओं ने पंजीयन कराया है। इनमें से 88 हजार से अधिक को काम का आवंटन कर दिया गया और साढ़े 21 लाख ऑनबोर्ड हो चुके हैं यानी उनका सत्यापन हो चुका है। इसके बावजूद काम में उपस्थिति अभी संतोषजनक नहीं है। ऑनबोर्ड युवाओं में से भी उपस्थिति केवल 37 फीसदी के आसपास है। अब तक सभी नगरीय निकायों में प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं हो पाई है। 378 में से करीब 150 निकायों में ही प्रशिक्षण केंद्र हैं। जो युवा ऑनबोर्ड हैं, उनमें से कई दूसरी जगह नहीं जाना चाहते, इसलिए उपस्थिति कम है। जहां केंद्र नहीं हैं, धीरे-धीरे वहां भी ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही है। नगरीय प्रशासन एवं विकास, तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ मप्र एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इंफर्मेशन टेक्नोलॉजी (मैप आईटी) भी इस योजना में शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि तीन विभागों के कारण भी इसके क्रियान्वयन में दिक्कत आ रही है।