
इस्लामाबाद | पाकिस्तानी वायुसेना के भारतीय सीमा में प्रवेश करने के बाद उन्हें खदेड़ते हुये भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनन्दन पाकिस्तानी सीमा में क्रेश कर गए थे जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें अपनी हिरासत में लेलिया था, जिसके बाद भारत सरकार ने पकिस्तान पर कूटनीतिक दवाव बना कर वापिस करने को कहा जिसके बाद पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विंग कमांडर अभिनंदन को बिना किसी शर्त के भारत को सौप दिया हलाकि पकिस्तान पहले अभिनंदन की रिहाई के बदले में भारत सरकार से बात करना चाह रहा था जिसे भारत सरकार ने ठुकरा दिया, लेकिन अब पकिस्तान सरकार के द्वारा भारतीय पायलेट को वापिस किये जाने के बाद अब पाकिस्तान में मांग उठी है कि इसके लिए प्रधानमंत्री को शांति का नोबल पुरस्कार दिया जाना चाहिए। पाकिस्तान मीडिया और खासतौर पर सोशल मीडिया में यह मुद्दा बीते दिनों से चल रहा है। इमरान ने पहली बार इस पर प्रतिक्रिया दी है। इमरान खान ने इस मामले पर ट्विट कर कहा की मैं इस लायक नहीं। यह सम्मान तो उसे दिया जाना चाहिए जो कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के मुताबिक कश्मीर मुद्दे को हल कर दे और उपमहाद्वीप में शांति और विकास की राह आसान करे।
इसलिए उठी मांग
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए इमरान खान दो बार कह चुके हैं कि वे युद्ध नहीं चाहते। बकौल इमरान, युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन यह कैसे खत्म होगा, यह किसी के हाथ में नहीं है।पुलवामा हमले के बाद अपने दो वीडियो संदेशों में पाकिस्तानी पीएम ने भारत से आतंकवाद समेत हर मुद्दे पर बातचीत शुरू करने की पेशकश की थी। इसके बाद उन्होंने अपनी संसद में भाषण देते हुए फिर वार्ता की पेशकश की। इसके अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने भी कहा है कि भारत को तनाव की राह छोड़कर बातचीत के लिए आगे आना चाहिए। इमरान खान के इन बयानों के कारण ही पाकिस्तानी आवाम अपने प्रधानमंत्री को नोबेल देने की मांग कर रही हैं