Sunday, October 19

उपचुनाव- सबक हर किसी को मिला है जीत का अंतर ज्यादा नहीं होगा

भोपाल। मुंगावली और कोलारस उपचुनाव में देर शाम तक नतीजे से पूरी तरह घोषित नहीं किए जा सके है। लेकिन इस चुनाव के आ रहे परिणामों ने दोनों ही दलों को सबक सिखाने का प्रयास हुआ है। सत्ता पक्ष को पता लग जाना चाहिए तक प्रशासन और धनबल से ज्यादा समय तक सरकार चलाना मुश्किल होगा। जैसा कि इन उपचुनावों में देखने में आया है। जब भी पूरे मप्र में चुनाव होंगे। परिणाम सरकार पलटने वाले भी हो सकते है। मुख्यमंत्री का ग्लेमर अब खत्म होने को है। केवल थोथी योजनाओं के भरोसे अब जनता को ज्यादा दिन भरमाया नहीं जा सकता है। वहीं कांग्रेस खासकर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी जनता संदेश देना चाह रही है कि अब राजा महाराजा की छवि से ज्यादा दिन काम नहीं चलने वाला है। क्योंकि जब राजा महाराजा ईश्वर का प्रतिनिधि होता था, उस विचार धारा को झेलने वाली पीढ़ी अब नहीं बची है। इस कारण जब तक जनता के बीच जनता के लिए काम करने वाले नेता नही ंबनेंगे परिणाम एकतरफा करने की बस में बात किसी के नहीं है। इस चुनाव में भले ही यूपी की तरह ईव्हीएम का चमत्कार न दिखा हो लेकिन जनता का जनमत बंटा हुआ दिखाई दे रहा है। जैसे कि परिणाम आ रहे है, दोनों दलों के दोनों प्रत्याशियों में मामूली अंतर एवं बार-बार बदलते रूझान संकेत दे रहे है कि अब जनमत बनाने में पोस्टर बाजी का ज्यादा योगदान नहीं बचा है। मीडिया का सहयोग भी जनमत निर्माण में अविश्वसनीयता के कारण कम होता दिख रहा है। यह सही है जो विकास जमीं पर होना था, वह नहीं हुआ। किसान परेशान, व्यापारी परेशान और इनसे अलग आम जन भी पिछले पांच सालों से परेशान है। भाजपा सरकार पर ढेर सारे व्यापमं और वादा खिलाफी के दाग है तो कांग्रेस पर कमजोर संगठन एवं चेहरा दिखाऊ  नेता और कार्यकर्ताओं के न होने का दाग जारी है। अगले एक साल में दोनों ही दलों ने सुधार नहीं किया तो परिणाम कभी भी कैसे भी आ सकते है। अब जातीय, सामाजिक बोटबैंक का कमोवेश खात्मा हो रहा है।