गंजबासौदा। कंजना के पठार पर नई मंडी को लाखों रूपए की लागत से तैयार तो कर दिया गया है लेकिन नई मंडी का शुभारंभ आज तक सही ढंग से नहीं हो सका है। हर साल धरना प्रदर्शन मंडी बंद किसानों के आंदोलन और प्रशासन की बैठकों में यह मुद्दा उठता है और वादों, आश्वासन और सुरक्षा के सवालों में में घिर कहीं दफन सा हो जाता है। इस ओर न तो मंडी प्रशासन चिंता करता है, न हीं व्यापारी और न ही स्थानीय प्रशासन। नई मंडी में पिछले कई सालों से नीलामी तो की जा रही है, लेकिन तुलाई काम आज भी पुरानी मंडी में ही हो रहा है। यह स्थिति कब तक और क्यों के सवालों में कहीं गुम हो रही है। इसके पीछे जहां मंडी प्रबंधन हर बात अगले साल और अगले सीजन का बहाना बना देता है। व्यापारी गोदामें न होने के साथ कंजना के पठार पर सुरक्षा का सवाल खड़ा कर नई मंडी में पहुंचने में अपनी असमर्थता जता देता है। प्रशासन शांति समिति की बैठकों के साथ अन्य व्यवस्थागत बैठको में इस मुद़दे को हम तैयार है।
सवाल यह उठ रहा है कि नई कृषि उपज मंडी का निर्माण क्यों किया गया। इसके पीछे पहला कारण पुरानी गल्ला मंडी त्योंदा रोड पर मप्र की ए क्लास मंडी होने के कारण स्थानाभाव बन जाता है। इस कारण नई मंडी निर्माण आवश्यक है। क्योंकि मंडी गंजबासौदा की शान है। यहां पर राहतगढ़, ग्यारसपुर, गुलाबगंज, मंडी बामौरा, और कुरवाई क्षेत्र के किसान भी अनाज की नीलामी कराने आते है। क्योंकि गंजबासौदा में नकद भुगतान की व्यवस्था होने के कारण किसानों को अन्य मंडियों की तुलना में गंजबासौदा कृषि उपज मंडी मुफीद होती है। शहर में मंडी नीलामी या सीजन के समय जाम लगना आम बात होती है। इस कारण भी नई मंडी बनाने को हवा दी गई। लेकिन अब जब मंडी बनकर तैयार है तो सबके अपने-अपने बहाने आज भी जारी है। दो मंडियों के बीच किसान झूलता है। पहले नीलामी के लिए अनाज नई मंडी ले जाता है, फिर तुलाई के लिए पुरानी मंडी पहुंचता है। इसमें उसे आर्थिक नुकसान, समय की बर्बादी और कई बार जाम में फंसने के कारण तिरस्कार की कीमत चुकानी पड़ रही है। वहीं व्यापारी भी धन की सुरक्षा को लेकर चिंतित होते है। मंडी प्रशासन अलबत्ता मजे में है क्योंकि उसे नई मंडी तक जाना केवल सैर सपाटा करने भर जैसा होता है। शहर की जनता बार-बार के जाम लगने से आवागमन के लिए परेशान होती है। लेकिन शहर के व्यापारी व्यापार चलने की उम्मीद से यह सब झेल रहे है। अलबत्ता शहर विकास का सपना आज भी अधूरा बना हुआ है।