भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बच्चों पर अच्छे नंबरों के लिए किसी ने भी दबाव बनाया तो यह अपराध माना जाएगा। इसके लिए स्कूल प्रबंधन और मां-बाप भी दोषी माने जाएंगे।
-स्कूल प्रबंधन के साथ ही माता-पिता भी माने जाएंगे दोषी।
-बच्चे क्यों दे रहे जान, कारण और सुझाव के लिए बनाई समिति।
-देश-दुनिया के विशेषज्ञों से चर्चा कर देगी रिपोर्ट।
तीन साल में 634 छात्रों ने खत्म कर ली जिंदगी
विधानसभा में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि राज्य में परीक्षा में फेल होने के कारण वर्ष 2012 में 193, 2013 में 218 और 2014 में 223 छात्रों ने आत्महत्या की। उन्होंने बताया हाल ही में भोपाल के आदित्य ने मैथ्स और केमिस्ट्री में फेल होने पर तनाव के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या की।
-बच्चों के विकास के लिए अगले शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में नैतिक शिक्षा और खेल का पीरियड अनिवार्य।
-शिक्षा में योग्यता का पैमाना अंक नहीं होना चाहिए।
-10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि रोजगार के प्रति आत्मविश्वास बढ़ सके।
-9वीं से ही स्कूलों में काउंसलिंग की व्यवस्था होगी।
-शिक्षा में योग्यता का पैमाना अंक नहीं होना चाहिए।
-10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि रोजगार के प्रति आत्मविश्वास बढ़ सके।
-9वीं से ही स्कूलों में काउंसलिंग की व्यवस्था होगी।
मम्मी-पापा आपको प्यार करते हैं। आपसे उम्मीदें हैं। आपको घबराने की नहीं, शांत मन से पेपर और हर प्रश्न का सर्वश्रेष्ठ उत्तर लिखने की जरूरत है। इस वक्त यही कर सकते हैं। जो तैयारी की है, उसी पर फोकस कीजिए।
600 से ज्यादा कॉल आए
मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल और टीन एजर हेल्प लाइन पर स्टूडेंट्स से ज्यादा उनके परिजनों के फोन आ रहे हैं। दोनों जगह शुक्रवार को 600 से ज्यादा कॉल आए। छह ऐसे चुनिंदा सवाल और उनके जवाब यहां ले रहे हैं, जो ज्यादातर लोगों ने पूछे। सीबीएसई और एमपी बोर्ड की परीक्षाओं में शामिल बच्चों ने भी अपनी मुश्किलें रखीं। माशिमं की काउंसलिंग अब रात 12 बजे तक खुली रहेगी।