Sunday, October 19

उदयपुर से खुरई तक टू-लेन मार्ग निर्माण के लिए लोनिवि ने शासन को प्रस्ताव भेजा

गंजबासौदा  उदयपुर से पठारी के बीच सड़क की हालत बेहद खराब है। पूरे मार्ग पर गड्ढे उभर आए हैं। इसके कारण वाहन गति नहीं पकड़ पाते। आधे घंटे का सफर एक घंटे में पूरा होता है। रफ्तार बढ़ाने पर वाहन का कोई न कोई सामान हाथ में आ जाता है। इसके कारण छोटे चार पहिया वाहन मजबूरी में ही चालक लाते ले जाते हैं। एक बार चालक ने इस मार्ग पर वाहन चला दिया तो फिर दूसरी बार आता ही नहीं है।
सबसे ज्यादा राजस्व क्षेत्र की फर्शी- पत्थर खदानें पठारी तहसील में ही हैं। सड़क की हालत खराब होने के कारण ठेकेदारों को खनिज परिवहन में सबसे ज्यादा समस्या आ रही है। पठारी का यह एक मुख्य मार्ग होने के कारण आम नागरिक भी यातायात की समस्या से जूझ रहे हैं। बड़े वाहनों को छोड़ छोटी कारें सड़क पर नहीं चल पातीं है। सड़क की हालत खराब होने के कारण कारों के चेंबर जमीन से टकराते हैं। इससे लोग कारें चलाना पसंद नहीं करते। बाजार का व्यापार भी इसी मार्ग पर केंद्रित रहता है।
उदयपुर से खुरई तक टू-लेन मार्ग निर्माण के लिए लोनिवि ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। तीन टुकड़ों में बनाए जाने वाले इस टू लेन मार्ग पर एक अरब दो करोड़ रुपए खर्च होंगे। उदयपुर, भालबामौरा, पठारी से खुरई तक सड़क की हालत जर्जर हो चुकी है। पठारी क्षेत्र में फर्शी- पत्थर की खदानें होने के कारण यातायात का पूरा दबाव इसी मार्ग पर रहता है। इसके अतिरिक्त पठारी तहसील का यह प्रमुख मार्ग है। रोड निर्माण की घोषणा ढाई साल पहले मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं।

उदयपुर से खुरई बीना नदी तक इस मार्ग की दूरी 39.90 किलो मीटर है। इसके निर्माण का लोनिवि ने सीधा प्रस्ताव न बनाकर तीन टुकड़ों में विभाजित कर बनाया है। ताकि मंजूरी में समस्या नहीं आए। पहला हिस्सा उदयपुर से भालबामौरा, दूसरा भालबामौरा से पठारी और तीसरा पठारी से बीना नदी पुल तक रखा गया है। इसमें उदयपुर से भालबामौरा चौराहे का हिस्सा बासौदा तहसील में आएगा। भालबामौरा से खुरई का हिस्सा पठारी तहसील के तहत आएगा। इससे कागजों में यह बात नहीं आएगी की इतनी राशि एक तहसील के ही मार्ग के लिए स्वीकृत की गई है।