Thursday, October 23

सरकारी नौकरी को मान बैठे ‘नोट छापने’ की मशीन DIG जेल उमेश गांधी

Betwaanchal news
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भोपाल। DIG जेल उमेश गांधी के आय से अधिक संपत्ति के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को जिला अदालत में चालान पेश कर दिया है। चालान करीब चार हजार पन्नों का है। इसके साथ ही उनकी गिरफ्तारी भी लगभग तय मानी जा रही है। गांधी वर्तमान में भोपाल में जेल मुख्यालय में DIG के पद पर पदस्थ हैं।

2012 में पड़ा था छापा, मिली थी 25 करोड़ की संपत्ति
गांधी के भोपाल और इंदौर स्थित ठिकानों पर लोकायुक्त ने 3 नवंबर 2012 को छापा मारा था। इस दौरान लोकायुक्त को गांधी के इंदौर, भोपाल, सागर के बंडा में मकान, प्लॉट समेत मनाली में रिसॉर्ट होने की जानकारी मिली थी। कार्रवाई के बाद गांधी को शासन ने सस्पेंड भी कर दिया था। लेकिन अपनी बीमारी के दस्तावेज के आधार पर बहाल भी हो गए थे।
रिश्तेदारों के दे रखे थे सप्लाई के ठेके
गांधी ने जेल में सब्जी, समेत अन्य दैनिक जरुरत की चीजों के ठेके रिश्तेदारों को दे रखे थे। इसके अलावा गांधी ने कुछ ठेके अपने रिश्तेदारों के नाम से खुद ने भी ले रखे थे। छापामार कार्रवाई में इससे संबंधित दस्तावेज मिलने के बाद गांधी के कार्यकाल में दिए सारे ठेके निरस्त कर दिए गए थे। गांधी ने अपने भाई और बहन को भोपाल जेल में प्रहरी बना रखा था।
यह है चालान में
– मकान की तलाशी में करीब 25 लाख के सोना-चांदी के गहने मिले।
– करीब पांच लाख रुपए नगदी मिली।
– घर में करीब 50 लाख रुपए का सामान मिला।
– चालीस बीमा पॉलिसी में 50 लाख रुपए इनवेस्टमेंट के दस्तावेज ।
– भोपाल, इंदौर और सतना में स्वयं और परिजन के नाम से करीब एक करोड़ रुपए की जमीन।
– शेयर मार्केट में एक करोड़ रुपए का निवेश।
– पद के दुरुपयोग कर परिजनों के नाम से जेलों में ठेके लिए।
-इस मामले के सह आरोपी जेल प्रहरी भाई अजय गांधी 74 लाख रुपए का इनवेस्टमेंट।
-सह आरोपी पत्नी अर्चना गांधी के नाम से अचल संपत्ति पर करोड़ों का इनवेस्टमेंट।
– वास्तविक आय करीब सवा करोड़ रुपए के बदले करीब साढ़े छह करोड़ रुपए की संपत्ति मिली।