दो दिन पहले ही बीयू को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का एक पत्र मिला है। इसमें राष्ट्रपति हसन को उनकी डिग्री एक बड़ा समारोह आयोजित कर प्रदान करने को कहा गया है। अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में दिल्ली में एक अंतरराष्ट्रीय समिट आयोजित की जा रही है। इसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं। जब सोमालिया के राष्ट्रपति को आमंत्रण भेजा गया तो उन्होंने अपनी सहमति दे दी। उन्होंने सरकार को लिखा कि सत्र 1987-88 में बीयू से तकनीकी शिक्षा में पीजी किया था। लेकिन अभी तक उन्हें यह डिग्री नहीं मिली है जो दी जाए।
मानद उपाधि का सुझाव
राष्ट्रपति हसन से चर्चा के बाद विदेश मंत्रालय ने बीयू को इस संबंध में सूचित किया है। अकादमिक शाखा के उप कुलसचिव अजीत श्रीवास्तव के अनुसार भारत सरकार से आए पत्र में केवल इतना ही जिक्र है। अब विवि प्रशासन इस बात पर विचार कर रहा है कि राष्ट्रपति को उनकी डिग्री विशेष दीक्षांत समारोह आयोजित कर दी जाए या अगले महीने उनके भारत के दौरे के समय आयोजित समारोह में ही प्रदान की जाए।