14 गुना बड़ा और गहरा लाल दिखेगा चांद
वॉशिंगटन. कई दशकों बाद इस 27 सितंबर को पूर्ण चंद्रग्रहण के साथ सुपरमून का नजारा देखने को मिलेगा। सुपरमून का मतलब है कि चंद्रमा अपनी साइज से थोड़ा बड़ा और गहरे लाल रंग का दिखाई देता है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा पृथ्वी से कुछ ज्यादा नजदीक होता है। हालांकि, इस सुपरमून को अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और ईस्ट पैसिफिक के कुछ हिस्सों में ही देखा जा सकेगा। लंदन में रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के सैम लिन्डसे ने कहा, ”इस सुपरमून को देखने के लिए हम बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये आमतौर पर दिखने वाले चांद से ज्यादा बड़ा और चमकदार होगा।”
कैसे बनती है सुपरमून की स्थिति
सुपरमून की स्थिति तब बनती है, जब चंद्रग्रहण हो और चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीबी बिंदु पर हो। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया के पीछे होता है और सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक पृथ्वी के वायुमंडल से होकर पहुंचती है। इससे चंद्रमा 14 गुना बड़ा और 30 फीसदी ज्यादा चमकदार दिखाई देता है। इस समय सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं। इस बार खास बात ये है कि पूर्ण चंद्रग्रहण पड़ रहा है।
पांच बार दिखा ऐसा नजारा
इससे पहले सुपरमून के साथ पूर्ण चंद्रग्रहण 33 साल पहले पड़ा था। नासा स्पेस एजेंसी के मुताबिक, 1990 से अब तक पांच बार इस प्रकार के नजारे देखने को मिले हैं। इससे पहले 1982 में ये नजारा देखने को मिला था