अंतरराष्ट्रीय। अब जैसे जैसे समय गुजरता जा रहा है वैसे वैसे देश, दुनिया में पानी के लिए जंग छिड़ती जा रही है, क्योकि किसी देश के पास पर्याप्त पानी है और किसी देश के पास नही। लेकिन जिन देशो के पास पर्याप्त पानी नहीं हैं वह अब पानी लेने और सहेजने के लिए पर्याप्त पानी वाले देशों से जंग लड़ने के लिए भी तैयार है। अप्रैल में कुछ पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम हमला कर 26 नागरिकों को मार दिया। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया और पाकिस्तानी सीमा के अंदर घुसकर नौ आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत सरकार ने यह फैसला किया कि भारत से बहकर पाकिस्तान जाने वाली नदियों का जल रोक दिया जाए। पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान को हम एक बूंद भी पानी नहीं देंगे। भारत ने 21 जून 2025 को सिंधु जल संधि से बाहर निकलने की घोषणा कर दी। पानी को लेकर दुनियाभर के कई पड़ोसी देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है।
सिंधु जल संधि लोगों की जीवनरेखा
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि छह दशक से भी ज्यादा समय पहले हुई थी। इस संधि के तहत सिंधु बेसिन की छह नदियों के जल विभाजन को नियंत्रित की जा रही थी। यह संधि 27 करोड़ से ज़्यादा लोगों के लिए जीवन रेखा है और इनमें से ज्यादातर आबादी पाकिस्तान में रहती है। पाकिस्तान के ज्यादातर इलाके भौगोलिक रूप से नीचे की ओर है और यही वजह है कि पाकिस्तान को पानी के लिए भारत का मोहताज बना रहना पड़ेगा। क्या इस बात को महान कथाकार सआदत हसन मंटो ने 1951 में ही भांप लिया था? उनकी एक कहानी यजीद में भारत द्वारा नदियों के पानी बंद करने की योजना बनाने की बात का जिक्र हुआ है।