Sunday, September 21

पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण चुनाव आयोग के SIR के खिलाफ एकजुट क्यों है विपक्ष?

बिहार में इस साल के अंत में चुनाव है, जबकि पांच राज्यों- असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव है। 2027 में, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब में विधानसभा चुनाव है। विपक्षी पार्टियों को डर है कि आगामी चुनाव में उन राज्यों में SIR लागू किया जाएगा।

इंडिया गठबंधन (फोटो- आईएएनएस)

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक पूरा विपक्ष एकजुट हो चुका है। गैर सरकारी संगठन ADR सहित 9 राजनीतिक दलों ने इस पर रोक लगाने को लेकर याचिका दाखिल की है। केरल से आने वाले कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, सीपीआाई के डी राजा, तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी DMK, उत्तर प्रदेश के सपा नेता हरिंदर मलिक, महाराष्ट्र के शिवसेना (UBT) नेता अरविंद सावंत, झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झामुमो के नेता सरफराज अहमद और भाकपा माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने SIR पर रोक लगाने को लेकर याचिका दाखिल की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के इस कदम पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।
 विपक्ष हो रहा है एकजुट
बिहार में इस साल के अंत में चुनाव है, जबकि पांच राज्यों- असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव है। 2027 में, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब में विधानसभा चुनाव है। असम में बीते दस साल से भाजपा काबिज है। यहां कांग्रेस को उम्मीद है कि आगमी विधानसभा चुनाव में वह सत्ता में काबिज हो सकती है। केरल में वाम दल की सरकार है। यहां भी अगले साल चुनाव है। तमिलनाडु में डीएमके सत्ता में है, जबकि पश्चिम बंगाल में टीएमसी सत्ता में है। वहीं, 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सपा अपनी तैयारी मजबूत करने में जुटी हुई है। इन सब को डर है कि केंद्र सरकार इसके जरिए कई लोगों को मताधिकार से वंचित कर देगी।