Wednesday, September 24

केन्द्र ने बंद की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना

57181-electricityptio_04_09_2015भोपाल। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में बसे गांवों में पिछले 6 सालों से बिजली पहुंचाने वाली राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अब बंद कर दी गई है। केन्द्र सरकार के फरमान पर इसे दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल किया जा रहा है। इससे राज्य सरकार के खजाने पर लगभग 900 करोड़ का भार आएगा। दरअसल राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में राज्य को 10 प्रतिशत राशि मिलाना होती थी, शेष 90 फीसदी केन्द्र सरकार अनुदान देती थी।

दीनदयाल उपाध्याय योजना में केन्द्र 60 प्रतिशत राशि देगी और 40 प्रतिशत राज्य सरकार को देना होगा। जिसमें 10 प्रतिशत संबंधित विद्युत वितरण कंपनी और 30 प्रतिशत बाजार से कर्ज लिया जा सकेगा। राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में प्रदेश में अब तक कुल चि-त 967 गांवों में से लगभग 3000 करोड़ से 500 गांवों को रोशन हो चुके हैं। अभी 467 गांव शेष हैं जहां इस योजना में बिजली पहुंचाई जानी है।

इस हिसाब से 3000 करोड़ पर सरकार को 1200 करोड़ स्र्पए अपने खजाने से खर्च करने होंगे, जबकि राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में 10 प्रतिशत के हिसाब से केवल 300 करोड़ स्र्पए लगाए गए। केन्द्र की योजना को लागू करने की मजबूरी देखते हुए राज्य सरकार राजीव गांधी योजना को दीनदयाल उपाध्याय योजना में समाहित करने का प्रस्ताव कैबिनेट में ला रही है।