Tuesday, September 23

पाकिस्तान में खलबली! जासूसों के सरदार चीफ आसिम मलिक को मिली नई जिम्मेदारी

पाकिस्तान में एक बड़े घटनाक्रम के तहत इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इस फैसले की घोषणा आधी रात को की गई, जिसने पाकिस्तानी सियासी और सैन्य गलियारों में खलबली मचा दी है। यह कदम  के साथ बढ़ते तनाव और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें 28 लोगों की मौत हुई थी।

पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्ला तारार ने दावा किया है कि भारत अगले 24 से 36 घंटों में पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। इस डर के बीच ने अपनी रणनीति को और मजबूत करने के लिए चीफ आसिम मलिक को की जिम्मेदारी दी है। तारार ने चेतावनी दी कि भारत की किसी भी आक्रामकता का करारा जवाब दिया जाएगा।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित करना, इस्लामाबाद में भारतीय मिशन की ताकत कम करना और पाकिस्तानी सैन्य अटैचियों को निष्कासित करना शामिल है। इन कदमों ने पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ा दी है।

लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक सितंबर 2024 में के प्रमुख बने थे। उनकी नियुक्ति को पाकिस्तान की खुफिया और सैन्य रणनीति में एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा गया था। अब के रूप में उनकी नई भूमिका से पाकिस्तान की सुरक्षा नीतियों में का दबदबा और बढ़ने की संभावना है। मलिक को एक कट्टर और रणनीतिक सैन्य अधिकारी के रूप में जाना जाता है, जो क्षेत्रीय तनावों को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा है। भारत के पूर्व सैन्य अधिकारियों और खुफिया सूत्रों ने और पाकिस्तानी  पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए भारत पर युद्ध भड़काने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान के इस कदम को कई विश्लेषकों ने भारत के बढ़ते दबाव के जवाब में रक्षात्मक रणनीति के तौर पर देखा है।

आसिम मलिक की नई जिम्मेदारी के साथ ही पाकिस्तान की सुरक्षा नीतियों में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है, और दोनों देशों की ओर से कड़े बयान सामने आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस स्थिति पर नजर रखे हुए है, क्योंकि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए बड़े खतरे का संकेत दे रहा है। इस बीच, पाकिस्तान की सेना और सरकार पर आंतरिक दबाव भी बढ़ रहा है। सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर विपक्षी दलों, खासकर इमरान खान की पार्टी का दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मलिक की नई भूमिका क्या रंग लाएगी, यह आने वाला समय ही बताएगा।