Monday, September 22

विश्व हिंदू परिषद के संगठन महासचिव मिलिंद परांडे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं के महाकुंभ को लेकर दिए गए विवादित बयानों की कड़ी आलोचना की है।

विश्व हिंदू परिषद के संगठन महासचिव मिलिंद परांडे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं के महाकुंभ को लेकर दिए गए विवादित बयानों की कड़ी आलोचना की है। ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा था, “महाकुंभ अब ‘मृत्यु कुंभ’ में बदल गया है। मैं महाकुंभ और पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं, लेकिन कोई योजना नहीं थी। अमीरों और वीआईपी लोगों के लिए एक लाख रुपये तक के टेंट की सुविधा थी, गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं। मेले में भगदड़ आम है, लेकिन व्यवस्था करना जरूरी है।” उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर भगदड़ में मरने वालों की सही संख्या छिपाने का भी आरोप लगाया और कहा कि बंगाल के लोगों के शवों का पोस्टमॉर्टम उनकी सरकार को करना पड़ा, क्योंकि यूपी सरकार ने मौत के कारणों का उल्लेख नहीं किया।

मिलिंद परांडे ने जवाब में कहा कि 60 करोड़ से अधिक हिंदुओं की भागीदारी वाला यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, और इसे ‘मृत्यु कुंभ’ जैसे शब्दों से अपमानित करना हिंदू-सनातन संस्कृति का अपमान है। वे इसे तुष्टीकरण और राजनीतिक स्वार्थ का परिणाम मानते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बागेश्वर धाम से विपक्ष पर हिंदू धर्म का मज़ाक उड़ाने के आरोप को वे सही ठहराते हैं। उनके अनुसार, भारत में कुछ शक्तियां और राजनीतिक दल हिंदुओं को आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते। वहीं, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मातृभाषा के प्रयोग पर सहमति जताते हुए वे इसे स्वाभाविक और जरूरी मानते हैं।