
देश के युवा 30 साल से कम उम्र में ही अपना मकान खरीदना चाहते हैं। मिलेनियल्स जिनकी उम्र 25 से 40 साल के बीच है, उनके लॉन्ग टर्म गोल्स में खुद के मकान के साथ अपना बिजनेस और वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करना शामिल है। लेंडिंग प्लेटफॉर्म फाइब इंडिया के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 41 प्रतिशत मिलेनियल्स खुद का खरीदने को प्राथमिकता देते हैं, जिनकी उम्र 30 साल के है। इसके लिए वे कर्ज लेने से भी परहेज नहीं करते हैं।
हाउ इंडिया स्पेंड्स रिपोर्ट के मुताबिक, हायर मिडिल क्लास की आय का सबसे अधिक हिस्सा ईएमआई चुकाने में जाता है। वहीं कम वेतन वाले लोग अनौपचारिक स्रोतों जैसे दोस्तों, परिवार या कर्ज देने वाली अंपजीकृत कंपनियों से ज्यादा लोन ले रहे हैं। लोग के कुल खर्च में रोजमर्रा के सामन की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत तो मकान-कार के ईएमआई की 39 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा से महानगरों में मिलेनियल्स बेहतर नौकरी हासिल करने को लेकर चिंतित हैं। वहीं अधिकतर ग्रामीण युवा खुद का कारोबार चाहते हैं।
उच्च आय वर्ग के लोग सहज सुलभ लोन की वजह से अच्छी जीवनशैली, वाहन खरीदने, छुट्टियों पर घूमने, सैर-सपाटा या विलासिता का सामान खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। कम वेतन वाले लोग अपनी आय का ज्यादातर हिस्सा दैनिक जरूरतों को पूरा करने या कर्ज चुकाने में लगा रहे हैं। कम आय वाले लोग कुल आय का 34 प्रतिशत और हाई-इनकम वाले अपनी आय का 46 प्रतिशत ईएमआई चुकाने में खर्च कर रहे है।
शहरों में 25-26 साल के अधिक उम्र के 60 प्रतिशत युवा बेहतर नौकरी की तलाश में, वहीं ग्रामीण इलाकों के अधिकतर मिलेनियल्स एंटरप्रेनेयोर बनना चाहते हैं। कुंवारे लड़कों के मुकाबले सिंगल महिलाओं में खुद का मकान खरीदने की प्रबल इच्छा, 70 प्रतिशत कुंवारी लड़किया कॅरियर ग्रोथ को प्राथमिकता देती हैं।