Monday, September 22

जोधपुर में है सुखोई की दो स्क्वाड्रन, डीआरडीओ ने बनाया स्वदेशी उत्तम रडार, जोधपुर डिफेंस एक्सपो में किया था प्रदर्शित

देश में अग्रिम पंक्ति के फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई को स्वदेशी तकनीक से अपग्रेड किया जा रहा है। विशेषकर इसमें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित स्वदेशी उत्तम रडार यानी एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (एईएसए) लगाया जा रहा है, जो सुखोई-30 को चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान से 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान की क्षमता प्रदान करेगा। पिछले महीने जोधपुर में हुए डिफेंस एविएशन एक्सपो में डीआरडीओ ने उत्तम रडार का प्रदर्शन किया था।

देश में वर्तमान में 259 सुखोई-30 लड़ाकू विमान हैं, जो चौथी पीढ़ी के जेट हैं। जोधपुर एयरबेस पर वायुसेना की दो स्क्वाड्रन में सुखोई-30 विमान हैं, जिनकी संख्या करीब 36 है। रूस से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की ओर से सुखोई का उत्पादन किया गया है। वर्तमान में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान आ रहे हैं। रफाल 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है।

उत्तम रडार स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-ए के लिए बनाया गया है, लेकिन यह एक मल्टी-मोड सॉलिड-स्टेट एक्टिव फेज्ड ऐरे फायर कंट्रोल रडार है, जिसमें एक स्केलेबल आर्किटेक्चर है यानी इसे विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमानों की नोज के आकार में ढाला जा सकता है।