बीएसपी में कर्मचारी घटकर 10 हजार रह गए हैं। वहीं 2023 के यूनियनों की सदस्यता को देखें तो 20 हजार से अधिक की पर्ची काटी जा चुकी है। एक-एक कर्मचारी दो-दो यूनियन की सदस्यता भी लिए हैं।
केंद्रीय श्रम आयुक्त तमाम यूनियन को चुनाव से पहले चर्चा के लिए आमंत्रित करेंगे। उस बैठक में ही चुनाव की तारीख तय की जाएगी। इसके पहले यूनियन के सदस्यता का वेरिफिकेशन होगा। इसमें यूनियन के कितने सदस्य हैं, वह साफ होगा। यूनियनों के भीतर चल रही खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बड़ी यूनियन में यह खासकर देखने को मिल रहा है। प्रमुख यूनियन के भीतर गुटबाजी चल रही है। बड़े पदाधिकारी जिनको साइड किए हैं।