Monday, September 22

देश में फ्लाइट टिकटों की मांग और विमान यात्रियों की जेब पर बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। आगामी त्योहारी सीजन के लिए प्लाइट टिकट की कीमतें आसमान छूने लगी हैं।

आगामी त्योहारी सीजन के लिए प्लाइट टिकट की कीमतें अभी से आसमान छूने लगी हैं वहीं विमान कंपनियों की ओर से किराये के अलावा अन्य शुल्कों की वसूली यात्रियों के लिए मुसीबत बन गई है। जयपुर-मुंबई, दिल्ली-पटना सहित कई मार्गों पर दिवाली के लिए हवाई किराये में अभी के मुकाबले 100 प्रतिशत से भी अधिक तेजी आई है। वहीं पिछले साल के त्योहारी सीजन से तुलना करें तो दिवाली में प्रमुख घरेलू रूटों पर औसत एक तरफ के टिकट की कीमत 20 से 30 प्रतिशत बढ़ चुकी हैं। ट्रेवल इंडस्ट्री के अनुसार, अभी फेस्टिव सीजन की शुरुआत है लेकिन किराया बढ़ चुका है।

एजेंट बैठे-बैठे बढ़ा सकते हैं किराया

लोकल सर्कल के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 72 प्रतिशत लोगों ने माना है कि अगर वे बार-बार विमान किराया चेक करते है तो उन्हें किराया बढ़ा हुआ मिलता है। एयरलाइंस कंपनियां फ्लेक्सी किराए, एल्गोरिदम, डार्क पैटर्न और ड्रिप प्राइसिंग के जरिए टिकटों के दाम बढ़ा देती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एयरलाइंस कंपनियां का एल्गोरिदम मांग और आपूर्ति के सिद्धांत में तकनीक के जरिए कीमतों को चढ़ाती हैं, जो उचित नहीं है। टिकट एजेंट बैठे-बैठे ही कई बार सर्च करके आपके रूट पर प्लेन का किराया बढ़ा सकते हैं।

एयरलाइंस कंपनियां टिकट कैंसिल कराने पर बड़ी राशि काटती है और यात्री को 20 फीसदी पैसा भी वापस नहीं मिलता। कैंसिलेशन चार्ज के रूप में बड़ी राशि के अलावा जनरल इंश्योरेंस कैंसिलेशन चार्ज, कन्वीनियंस फीस आदि के नाम पर भी पैसे कटते हैं।