Monday, September 22

जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। परिसीमन के बाद यहां सात सीट बढ़ने से सीटों की संख्या 90 हो गई है। छह सीट जम्मू तो एक सीट कश्मीर घाटी में बढ़ी है। इस बार भी यहां चुनाव बहुकोणीय होता दिख रहा है। भाजपा, कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख तौर पर मुकाबले में दिखेंगी। हर पार्टी का असर अलग-अलग क्षेत्रों में स्पष्ट तौर पर दिखता है। इनके अलावा कई छोटी-बड़ी पार्टियां चुनावी मैदान में उतर कर समीकरणों को प्रभावित कर सकती हैं। सबसे खास बात यह है कि इस बार किसी भी दल का अब तक किसी से गठबंधन नहीं हुआ है। चारों प्रमुख दल अकेले चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं।

घाटी में मुफ्ती-अब्दुल्ला परिवार का दबदबा

प्रदेश की सत्ता हासिल करने के लिए इन दोनों परिवारों को इस इलाके में बेहतर प्रदर्शन करने के साथ जम्मू की 43 सीटों पर भी सेंधमारी करनी होगी। अभी तक दोनों परिवार अकेले चुनाव में उतरने की बात कह रहे हैं। ऐसे में इन सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों पर सबकी नजर होगी। कांग्रेस का वोट बैंक भी लगभग इन दोनों दलों के जैसा ही है।