Tuesday, September 23

गंजबासौदा—भूकंप से पुलिस लाइन में बने भवनों में बढ़ी दरारें

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भूकंप का तगड़ा झटका आया तो पुलिस लाइन में बने आवास ढह सकते हैं। तीन दिन पहले आए भूकंप के झटकों ने पुरानी दरारों के मुंह खोल दिए हैं। पुलिस विभाग को पौने दो साल पहले आवास मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन इसके बाद भी विभाग ने राशि नहीं भेजी। इसके चलते पुलिस लाइन में रहने वाले पुलिस कर्मियों का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। पुलिस कर्मचारी जब ड्यूटी पर जाते हैं तो उन्हें परिवार की चिंता लगी रहती। कर्मचारी ऐसे सरकारी आवासों में रह रहे हैं जिनकी हालत बेहद खराब है। कब क्या हो जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। पुलिस लाइन के नाम से बनाए गए ये आवास जर्जर स्थिति में आ चुके हैं। इनकी दीवारों में बड़ी दरारंे उभर चुकी हैं। प्लास्टर जगह -जगह से उखड़ रहा है। आवासों का फर्श निकल रहा है। बारिश के दौरान आवासों की छतों से पानी टपकता है। कर्मचारियों का क्वार्टरों में रहना मुसीबत बन जाता है। आवासों की लंबे समय से मरम्मत नहीं हुई हंै। इस वजह से उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

42 साल पुराने हैं आवास

पुलिस लाइन में बने आवास 42 साल पुराने हो चुके हैं। सभी आवास पुरानी निर्माण पद्धति से बने हंै। दो मंजिला आवासों को पुलिस कर्मचारियों को परिवारों सहित रहने के लिए बनाया गया था। इसीलिए इस परिसर का नाम पुलिस लाइन रखा गया। कोतवाली के समीप बने इस परिसर में करीब तीन दर्जन पुलिस कर्मी जर्जर आवासों में रहते हंै